घर बैठे कर्मचारियों को वेतन देना मुश्किल, जल्द खोली जाए दुकाने:-नरेश कुच्छल

अंपजीकृत लाइसेंसी व बेरोजगार व्यापारियों को मिले आर्थिक मदद
-व्यापारियों के हितों के लिए उचित व जल्द कदम उठाए सरकार
नोएडा ( फेस वार्ता):। लॉकडाउन ने व्यापारियों की कमर तोड़ दी है। दो माह से अधिक हो गए अब तक दुकाने बंद है , व्यापार बंद है आए का पैसा तक नहीं है। ऐसे में घर बैठे कर्मचारियों को वेतन दे पाना मुनासिब नहीं है। जल्द से जल्द दुकानों को खोला जाए साथ ही लॉकडाउन के दौरान बेरोजगार हो चुके व्यापारियों को आर्थिक पैकेज का लाभ दिया जाए। यह मांग उप्र उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल ने केंद्र व राज्य सरकार को पत्र लिखकर की। उन्होंने देश को आर्थिक संकट से बचाने के लिए 2० लाख करोड़ पैकेज सराहना की। लेकिन व्यापारियों के हित के लिए उचित कदम उठाने की मांग भी की।



उप्र उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल नोएडा इकाई के अध्यक्ष नरेश कुच्छल प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर लॉकडाउन के समय का बैंक लोन पर लगने वाला ब्याज पूरी तरह समाप्त करने की मांग की। केंद्र सरकार ने व्यापारियों का वेतन देने का निर्देश दिया है यह गलत है। अपंजीकृत लाइसेंसी व्यापारियों को भी आर्थिक मदद दी जाए। आयकर व टीडीएस की रिटर्न देर से जमा करने पर पेनाल्टी ब्याज व जुर्माना माफ किया जाए। जिन जिलों व तहसीलों में कोरोना के मरीज नहीं है उन्हें लॉकडाउन मुक्त किया जाए। उन्होंने मांग की कि पिछले दो माह के लॉकडाउन में तमाम लाखों व्यापारी बेरोजगार हो गए है उन्हंे उचित आर्थिक पैकेज दिया जाए। लॉकडाउन के समय दुकाने बंद होने से बिजली का प्रयोग नहीं हुआ है, ऐसे में 15 मार्च से 15 मई तक व्यवसायिक बिजली का बिल पूरी तरह माफ किया जाए। लॉकडाउन के दौरान मिठाई, बेकरी , रेस्टोरेंट , हलवाई आदि अन्य प्रकार की दुकानों का सामान बर्बाद हो गया है। ऐसे व्यापारियों की मदद की जाए। प्रदेश में किसी भी जनपद में मामूली गलतियों पर व्यापारियों को दंडित न किया जाए। संकट के समय गल्ला किराना के व्यापारियों की कांटे बांट, फूड लाइसेंस एवं अन्य लाइसेंस की जांच करना उचित नहीं है। इस पर रोक लगाई जाए।