नॉएडा (फेस वार्ता भूषण ):-
10 मई 1857 के क्रांति दिवस मई का महीना प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत
सबसे बड़ा शहादत का महीना जिसमें 84 क्रांतिकारियों को जो गौतमबुद्धनगर दादरी और सिकंदराबाद क्षेत्र के थे अंग्रेजो ने बुलंदशहर के काले आम पर फांसी दे दी, सीकरी गांव में 35 लोगों को तो गोलियों से उड़ा दिया गया 10 मई 18 सो 57 की क्रांति शाम 6 बजे मेरठ के गिरजाघर और घंटाघर के घंटे की ध्वनि के साथ आस पास के सभी गांव से सैनिक सिपाही किसान संयुक्त रूप ने तृत्व करने वाले को तवाल धनसिंह गुर्जर ने क्रांतिका बिगुल फूंका मारो या मरो इन गोरों से ना डरो जिसे लड़ना है वह साथ हैं बाकी चुप घर बैठजाएं इस उद्घोष के साथ मेरठ जेल में बंद 839 क्रांतिकारी साथियों को जेल पर धावा बोल कर रिहा करा कर क्रांति में शामिल कर लिया और कोतवाली से मिले जाकर हथियार बांट दिए वह सांझ हिंदू मुस्लिम इस सांझा सांझ थी जिन्होंने कंधे से कंधा मिलाकर इस क्रांति में भाग लिया धनसिंह कोतवाल के जोशीले भाषण और ललकार ने किसानों सैनिक और सिपाहियों में जोश भर दिया
इन महान क्रांतिकारियों को इस क्रांति दिवस पर एडवोकेट रविंद्र भाटी प्रदेश अध्यक्ष अखिल भारतीय गुर्जर परिषद यूपी आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के नायक धनसिंह को तवालजीव अन्य क्रांतिकारियों को सच्ची श्रद्धांजलि देते हुए उनके चित्र पर पुष्प अर्पित किए तथा इस अवसर पर देश के शहीदों को याद करते हुए 500 प्रवासी मजदूरों को और जरूरतमंद लोगों को भंडारा एक आयोजित कर खाना खिलाया इस अवसर पर जगन नागर विपिन नागरराकेश नागर देवेंद्र मुखिया सुरेंद्र ठेकेदार विकास नगर खादी साथी उपस्थित रहे