वित्तीय संकट से जूझ रहे यस बैंक का संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा है गुरुवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया आरबीआई ने बैंक के ग्राहकों के लिए 50 हजार रुपये निकालने की सीमा तय कर दी है ग्राहक अब एक महीने में सिर्फ 50 हजार रुपये ही निकाल सकेंगे इसके बाद ग्राहकों में अफरातफरी मच गई यस बैंक के इतिहास को देखें तो इस बैंक ने भारत में ज्यादातर ऐसे कंपनियों को पैसे दिए जिनका वित्तीय रिकॉर्ड साफ नहीं रहा है यस बैंक को पिछले कुछ सालों में लगातार एक के बाद एक कई झटके लगे और वित्तीय हालत खराब होती चली गई गुरुवार को एक और झटका लगा जब आरबीआई ने यस बैंक से पैसे निकालने की सीमा तय कर दी अब इस बैंक के ग्राहक एक महीने में सिर्फ 50 हजार रुपये ही निकाल सकते हैं इस खबर के बाद ग्राहकों में हड़कंप मच गई इससे पहले यस बैंक को सबसे बड़ा झटका तब लगा था जब 2018 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने यस बैंक के चेयरमैन राणा कपूर को पद से जबरन हटा दिया था जब से यस बैंक के चेयरमैन राणा कपूर को हटाया गया तब से बैंक की हालत लगातार खराब होने लगी आरबीआई को शक था कि यस बैंक एनपीए और बैलेंसशीट में गड़बड़ी कर रहा है इसके बाद ये कार्रवाई की गई अगर यस बैंक के इतिहास पर गौर करें तो समझ में आएगा कि आरबीआई को ये शक क्यों हुआ छोटे से बैंक से शुरू होने वाला यस बैंक पिछले एक दशक में 3 लाख करोड़ का एसेट वाली कंपनी बन गई इस दौरान यस बैंक ने देश के कई ऐसी कंपनियों को लोन दिया जो या तो दागी थे या जिनका वित्तीय लेनदेन साफ नहीं था उन कंपनियां को कोई दूसरा बैंक लोन देने को तैयार नहीं था इस लिस्ट में एलएंडएफएस दीवान हाउसिंग जेट एयरवेज कॉक्स एंड किंग्स सीजी पावर और कैफे कॉफी डे जैसी कंपनियां शामिल हैं जिन्हें यस बैंक ने लोन दिया ये सारी कंपनियां या वित्तीय रूप से खस्ताहाल हो गई या इनके एनपीए रिकॉर्ड लेवल तक पहुंच गया यस बैंक के शेयर स्टॉक मार्केट में आसमान छू रहे थे बैंक के लोनबुक जमा लाभ और बैलेंसशीट देखकर शेयर लगातार बढ़ रहे थे एक समय में तो शेयर 1400 रुपये तक पहुंच गया था लेकिन जब इसका एनपीए बढ़ना शुरू हुआ तो इसके शेयर गिरने लगे आरबीआई ने स्थिति को समझते हुए दखल दी और आज यस बैंक का शेयर 36 रुपये तक लुढ़क गया