गौतमबुधनगर जिलाधिकारी गौतम बुध नगर बीएन सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि स्टांप एवं निबंधन विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा स्टांप कमी के वादों का ससमय निस्तारण करने के उद्देश्य से 2 मार्च 2020 से समाधान योजना लागू की गई है। उन्होंने बताया कि जनपद गौतम बुध नगर में कलेक्टर स्टांप के चार न्यायालयों में 1047 मामले विचाराधीन है, जिसमें से जिलाधिकारी गौतम बुध नगर में 267, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व के 331, सहायक आयुक्त स्टांप प्रथम के 167 तथा सहायक आयुक्त स्टांप द्वितीय के 282 स्टांप वाद विचारधीन है।उन्होंने यह भी बताया कि स्टांप वादों के त्वरित निस्तारण वह उसमें निहित धनराशि की शीघ्रता शीघ्र प्राप्ति तथा जनसामान्य को अधिकाधिक सुविधा प्रदान करने के लिए समाधान योजना लागू की गई है, जो कि 30 अप्रैल 2020 तक प्रभावी रहेगी। अतः स्टांप वादों से जुड़े लोग 30 अप्रैल तक योजना का लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने बताया कि भारतीय स्टांप अधिनियम 1899 की धारा 33, 47A 1 एवं 47A 3 के अंतर्गत स्टांप चोरी के मुकदमे कलेक्टर स्टांप न्यायालय में विचाराधीन है, जिसमें कमी स्टांप की धनराशि का 4 गुना से 10 गुना तक दंड धनराशि आरोपित किए जाने का प्रावधान है तथा वही धनराशि के कमी के मामले में अभियोजन का भी प्रावधान है लेकिन समाधान योजना लागू रहने की दशा में स्टांप वाद को मात्र ₹100 के टोकन अर्थदंड के साथ निस्तारित कराया जा सकेगा। इसके लिए जिस न्यायालय में वाद चल रहा है उसके पीठासीन अधिकारी को प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया जा सकता है, तदोपरांत पीठासीन अधिकारी द्वारा स्टांप वाद में इंगित कमी स्टांप की पुष्टि करते हुए मय ब्याज एवं टोकन अर्थदंड सो रुपए के साथ 1 सप्ताह के अंदर कोषागार के मद संख्या 0030 स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन में जमा करने के लिए निर्देशित किया जाएगा, तदोपरांत धनराशि जमा की रसीद प्रस्तुत करने पर वाद का निस्तारण अंतिम रूप से माना जाएगा।जिलाधिकारी गौतम बुध नगर ने जनसामान्य से अपील की है कि इस योजना का अधिक से अधिक लाभ लेते हुए स्टांप वादों का निस्तारण कराएं ताकि न केवल राजस्व में वृद्धि हो बल्कि जन सामान्य वृहद दंड से बच सकें और कहा कि इस संबंध में किसी नोटिस का इंतजार ना करते हुए स्वयं ही संबंधित पीठासीन अधिकारी के समक्ष प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर सकते हैं।
स्टांप कमी के वादों की समाधान योजना पुनः लागू।