जहाजरानी मंत्रालय ने शिपिंग लाइंस को सुझाव दिया है कि वे बातचीत से तय संविदात्मक शर्तों के रूप में वर्तमान में सहमत एवं लाभ उठाई जा रही निशुल्क समय व्यवस्थाओं के अतिरिक्त 22 मार्च, 2020 से 14 अप्रैल, 2020 (दोनों दिन सहित) की अवधि के लिए आयात एवं निर्यात नौवहनों पर कोई कंटेनर रुकाई प्रभार न लगाएं। यह परामर्श भारतीय बंदरगाहों पर समुचित आपूर्ति व्यवस्था को बनाये रखने के लिए जारी किया गया है। इस अवधि के दौरान, शिपिंग लाइंस को कोई भी नया या अतिरिक्त प्रभार नहीं लगाने का सुझाव भी दिया गया है। यह निर्णय पूरी तरह कोविड-19 प्रकोप द्वारा उत्पन्न वर्तमान अवरोधों से निपटने के लिए एकमुश्त उपाय है।
कोविड-19 महामारी के कारण 25 मार्च, 2020 से देश में लॉकडाउन की घोषणा के बाद डाऊनस्ट्रीम सेवाओं में कुछ बाधाएं आ रही हैं जिसके कारण बंदरगाहों से वस्तुओं की निकासी में कुछ देर हो रही है। इसके परिणामस्वरूप, कुछ कार्गो मालिक या तो अपना परिचालन स्थगित कर रहे हैं या उन्हें वस्तुओं/कार्गों को ट्रांसपोर्ट करने और अपने पेपरवर्क को पूरे करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है जिसकी वजह से बिना उनकी किसी गलती के, कंटेनरों को रूकना पड़ रहा है। यह परामर्श व्यापार के सुगम संचालन और देश में आपूर्ति श्रृंखला को बरकरार रखने में सहायक होगा।