रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की यस बैंक पर पाबंदी की कार्रवाई के बाद ग्राहकों में बेचैनी है हालांकि सरकार की ओर से बार-बार खाताधारकों को पैसे सुरक्षित रहने का भरोसा दिलाया जा रहा है इस बीच यस बैंक के लिए आरबीआई ने री स्ट्रक्चरिंग प्लान का ऐलान किया है ये प्लान एक महीने के भीतर ही लाया जाएगा इस प्लान को सुझाव के लिए एसबीआई और यस बैंक को भेज दिया गया है वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यस बैंक के संकट पर विस्तार से बात की उन्होंने बताया कि एसबीआई ने यस बैंक में हिस्सेदारी खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है निवेशक बैंक अगले तीन साल के लिए 49 फीसदी हिस्सेदारी ले सकता है वहीं अपनी हिस्सेदारी 26 फीसदी से कम नहीं कर सकता है. इसके अलावा यस बैंक का नया बोर्ड री स्ट्रक्चरिंग प्लान के बाद बैंक को टेकओवर करेगा दरअसलए आरबीआई ने यस बैंक के डायरेक्टर बोर्ड को भंग कर दिया था इसके बाद एसबीआई के सीएफओ प्रशांत कुमार को एडमिनिस्ट्रेशन की जिम्मेदारी सौंपी गई है
निर्मला सीतारमण ने बताया कि यस बैंक द्वारा नियमों का पालन नहीं किया जा रहा था बैंक ने जोखिम भरे क्रेडिट निर्णय लिए थे यस बैंक ने अनिल अंबानी, एसेल ग्रुप, डीएचएफएल, वोडाफोन जैसी कंपनियों को लोन दिया जो डिफॉल्ट हुए हैं ये सभी मामले 2014 से पहले के हैं
निर्मला सीतारमण ने कहा मैंने से आकलन करने के लिए कहा है कि बैंक में इन कठिनाइयों का क्या कारण है इसके साथ-साथ समस्या के लिए व्यक्तिगत रूप से कौन ज़िम्मेदार हैं उनकी पहचान की जाए
यस बैंक में जमा राशि और देनदारियां प्रभावित नहीं होंगी कम से कम एक साल के लिए बैंक में काम करने वालों का रोजगार और वेतन सुनिश्चित किया जाएगाm, निर्मला सीतारमण ने बताया कि यस बैंक के मामले को लेकर वह मई 2019 के बाद से ही आरबीआई के संपर्क में थीं वहीं सितंबर 2019 से यस बैंक पर सेबी की नजर है, निर्मला सीतारमण ने बताया कि साल 2017 से आरबीआई यस बैंक पर निगरानी कर रहा था वहीं 2018 में केंद्रीय बैंक ने यस बैंक में गड़बड़ी की पहचान कर ली थी जबकि 2019 में यस बैंक पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की यस बैंक पर पाबंदी की कार्रवाई के बाद ग्राहकों में बेचैनी