विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के अधीनस्थ स्वायत्त संस्थान हैदराबाद स्थित पाउडर धातुकर्म और नई सामग्री के लिए अंतर्राष्ट्रीय उन्नत अनुसंधान केंद्र (एआरसीआई) के वैज्ञानिकों ने औद्योगिक प्रक्रिया ताप संबंधी अनुप्रयोगों के लिए एक किफायती सोलर रिसीवर ट्यूब प्रौद्योगिकी विकसित की है।एआरसीआई की टीम द्वारा विकसित सोलर रिसीवर ट्यूब प्रौद्योगिकी बड़ी दक्षता से सौर विकिरण को अवशोषित करती है और इसे विशेषकर उद्योगों में लक्षित अनुप्रयोगों के लिए ताप में परिवर्तित करती है। यह जंग लगने से काफी हद तक बचाती है, जो भारतीय मौसम के लिए अत्यंत अनुकूल है।उद्योग जगत दरअसल ऊर्जा के सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से एक है। हाल ही में भारत के उद्योगों ने अपनी अंतर्निहित विशेषताओं (आर्थिक एवं पर्यावरण अनुकूल पहलू) को ध्यान में रखते हुए नवीकरणीय ऊर्जा, विशेषकर सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करने में काफी रुचि दिखाई है। अत: ऐसे में सकेंद्रित सौर ताप (सीएसटी) प्रौद्योगिकियां ज्यादातर औद्योगिक प्रक्रियाओं में औद्योगिक प्रक्रिया ताप (≤ 250 डिग्री सेंटीग्रेड) की मांगों को पूरा करने में उपयुक्त साबित हो रही हैं।
सोलर रिसीवर ट्यूब दरअसल सीएसटी प्रौद्योगिकी का एक महत्वपूर्ण अवयव है। मौजूदा समय में भारतीय सीएसटी प्लांट के डेवलपर सीएसटी अनुप्रयोगों के लिए महंगे निर्वातित सीएसपी रिसीवरों का आयात करते हैं। यह सीएसटी प्रौद्योगिकी के वाणिज्यीकरण में बाधक है।इसे ध्यान में रखते हुए एआरसीआई के वैज्ञानिकों ने स्टेनलेस स्टील ट्यूब पर अवशोषक कोटिंग तैयार करने के लिए एक किफायती नम रासायनिक प्रक्रिया विकसित की है जो औद्योगिक प्रक्रिया ताप संबंधी अनुप्रयोगों के लिए अत्यंत उपयोगी है। एआरसीआई में स्थापित एक परीक्षण यूनिट में ताप की प्राप्ति और ताप के नुकसान संबंधी अध्ययनों के लिए अवशोषक कोटिंग का सफल सत्यापन हो चुका है।इस प्रौद्योगिकी के लिए दो पेटेंट आवेदन किए गए हैं और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए मेसर्स ग्रीनेरा एनर्जी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिसके तहत बाजार में व्यापक बिक्री के लिए बड़े पैमाने पर सोलर रिसीवर ट्यूब का उत्पादन करने की योजना है।