शनिवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने बीते सात महीने से हिरासत में रखे गये अपने बेटे उमर अब्दुल्ला से श्रीनगर की उप जेल हरि पैलेस में मुलाकात की इस दौरान दोनों नेता भावुक नजर आये इस दौरान दोनों नेताओं ने एक दूसरे को गले लगा लिया अधिकारियों ने कहा कि फारूक ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से अपने बेटे से मुलाकात का अनुरोध किया था जिसे प्रशासन ने स्वीकार कर लिया दोनों की मुलाकात करीब एक घंटे चली
जहां फारूक अब्दुल्ला के अचानक रिहाई को लेकर सबके मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं वहीं इसको लेकर आईबी के विशेष निदेशक और रॉ के प्रमुख रह चुके ए एस दुलत ने बड़ा दावा किया है जो देशभर में चर्चा का विषय बन गया है दुलत की मानें तो यह फैसला फारूक से उनकी मुलाकात के बाद लिया गया है मुलाकात के दौरान फारूक ने साफ तौर पर कहा था कि वह और उनके परिवार को कोई भी सदस्य देश के खिलाफ बिल्कुल नहीं हैंजानकारों की मानें तो ए एस दुलत को कश्मीर का पुराना एक्सपर्ट माना जाता है रूबिया अपहरण और कंधार प्रकरण में भी उनका नाम आ चुका है उन्होंने इन मामलों में मध्यस्थता की थी दुलत की मानें तो पिछले दिनों किया गया उनका कश्मीर दौरा सामान्य नहीं बल्कि मिशन फारूक था दौरे के बीच उन्होंने फारूक अब्दुल्ला से मुलाकात की थी इस मुलाकात की जानकारी एनएसए अजित डोभाल के अलावा सिर्फ प्रधानमंत्री कार्यालय को थीयह खुलासा दुलत ने एक इंटरव्यू में किया है उन्होंने बताया कि वह श्रीनगर पहुंचे और फारूक से मिलने गये मुलाकात के दौरान के पल को याद करते हुए दुलत ने कहा कि मैंने देखा पूर्व सीएम बहुत थके हुए से थे और उनकी तबीयत भी नासाज नजर आ रही थी फारूक ने दुलत मन की बात कही उन्होंने दुलत के समक्ष कहा कि वह भारत के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं और उन्होंने अपने बच्चों को भी इसी तरह से पालने का काम किया है