खाद्य सुरक्षा और मानक (बिक्री पर निषेधाज्ञा एवं रोक) विनियम, 2011 के विनियमन 2.3.6 के अनुसार ताजे फल और सब्जियां सड़न और मोम, खनिज तेल एवं रंगों की कोटिंग से मुक्त होंगे। नियमों के मुताबिक ताजा फलों को मधुमोम (सफेद और पीले) या करनौबा मोम या शेलैक मोम के साथ लेपित किया जा सकता है जो खाद्य सुरक्षा एव मानक (पैकेजिंग और लेबलिंग) विनियम, 2011 के विनियमन 2.4.5 (44) में घोषित उचित स्तर के बेहतर विनिर्माण आचरण (जीएमपी) से अधिक नहीं होना चाहिए।
इसके अलावा खाद्य सुरक्षा और मानक (बिक्री पर निषेधाज्ञा एवं रोक) विनियम, 2011 के उप-विनियमन 2.3.5 के तहत फलों को कृत्रिम तरीके से पकने में एसिटिलिन गैस जिसे आमतौर पर कार्बाइड गैस के रूप में जाना जाता है, का उपयोग निषिद्ध है। हालांकि, इस उप-विनियमन के अनुसार फलों को एथिलीन गैस की मदद से पकाया जा सकता है। एथिलीन गैस की सांद्रता 100 पीपीएम (100 म्यू / एल) तक होनी चाहिए जो फसल, उसकी वेरायटी और उसकी परिपक्वता पर निर्भर करता है।
खाद्य सुरक्षा और मानक (दूषणकारी तत्वों, विषाक्त पदार्थों और अवशेषों) विनियम खाद्य वस्तुओं की अधिकतम अवशेषों की सीमा / दूषणकारी तत्वों की सहनशीलता सीमा, विषाक्त पदार्थों और भारी धातुओं, एंटीबायोटिक दवाओं आदि से संबंधित अवशेषों की सीमा निर्धारित करता है।
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा कराए गए 'राष्ट्रीय स्तर पर कीटनाशक अवशेषों की निगरानी' शीर्षक से एक अध्ययन रिपोर्ट प्राप्त की है जो राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के खाद्य सुरक्षा आयुक्तों के साथ साझा की गई है। इसका उद्देश्य उन जगहों पर विशेष लक्षित प्रवर्तन मुहिम चलाना है जहां उपर वर्णित सीमा से अधिक कीटनाशकों का इस्तेमाल होता पाया गया है।
खाद्य सुरक्षा और मानक (एफएसएस) अधिनियम, 2006 के प्रावधानों और उसके तहत बनाए गए नियमों और विनियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारें मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं।
एफएसएसएआई राज्य / केंद्रशासित प्रदेशों से आग्रह करता रहा है कि वे निर्माताओं, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं जैसे सभी स्रोतों से फलों और सब्जियों सहित खाद्य पदार्थों के नमूनों को नियमित रूप से जांच के लिए एकत्र करते रहें और एफएसएस अधिनियम, 2006 के प्रावधानों के तहत नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।
राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के अधिकारी फलों और सब्जियों सहित सभी खाद्य पदार्थों के नमूने लेकर नियमित निगरानी और निरीक्षण करते रहे हैं और गलत पाए गए मामलों में दंडात्मक कार्रवाई की गई है।
राज्य / केंद्रशासित प्रदेश सरकारों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले तीन वर्षों के दौरान फलों / सब्जियों के विश्लेषित नमूनों, नियमों के गैर-अनुरूपण और की गई कार्रवाई के विवरण क्रमशः अनुबंध I, II और III में हैं।
यहां यह बताना जरूरी है कि खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के प्रावधान किसी भी किसान या मछुआरे या खेती के संचालन या फसलों या पशुधन या जलीय कृषि पर लागू नहीं होते हैं।
अनुलग्नक-1 | |||||||
ताजे फल और सब्जी के लिए परीक्षण रिपोर्ट आंकड़ा (1 अप्रैल 16-31 मार्च 17) | |||||||
राज्य | विश्लेषण किए गए नमूनों की संख्या | मिलावटी और गलत पाए गए नमूनों की संख्या | लॉन्च किए गए मामलों की संख्या | दोषसिद्धि / दंड की संख्या | |||
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| आपराधिक | दीवानी | दोषसिद्धि | जुर्माना संख्या | जुर्माना राशि |
अरुणाचल प्रदेश | 3 | - | - | - | - | - | - |
दादर एवं नागर हवेली | 30 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 |
दिल्ली | 24 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 |
गोवा | 89 | 2 | - | - | - | - | - |
हरियाणा | 52 | 3 |
| 1 | - | - | - |
केरल | 49 | 2 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 |
मध्य प्रदेश | 8 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 |
महाराष्ट्र | 159 | 31 | 24 | 0 | 0 | 0 | 0 |
पुदुचेरी | 5 | 1 | - | - | - | - | - |
पंजाब | 38 | 9 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 |
तमिलनाडू | 16 | 8 | 3 | 4 | 4 | 5 | 46000 |
तेलंगाना | 255 | 130 | 68 | - | - | - | - |
उत्तर प्रदेश | 39 | 7 | 0 | 0 | 0 | 2 | 160000 |
कुल | 767 | 193 | 95 | 5 | 4 | 7 | 206000 |
अनुलग्नक-2 | |||||||
ताजे फल और सब्जी के लिए परीक्षण रिपोर्ट आंकड़ा (1 अप्रैल 17-31 मार्च 18) | |||||||
राज्य | विश्लेषण किए गए नमूनों की संख्या | मिलावटी और गलत पाए गए नमूनों की संख्या | लॉन्च किए गए मामलों की संख्या | दोषसिद्धि / दंड की संख्या | |||
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| आपराधिक | दीवानी | दोषसिद्धि | जुर्माना संख्या | जुर्माना राशि |
आंध्र प्रदेश | 463 | 114 | 67 | 03 | 16 | 06 | 79500 |
बिहार | 21 | 01 | 01 | - | - | - | - |
चंडीगढ़ | 22 | - | - | - | - | - | - |
छत्तीसगढ़ | 04 | 02 | - | - | - | - | - |
गोवा | 91 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 |
गुजरात | 78 | 07 | 01 | 01 | 0 | 0 | 0 |
हरियाणा | 24 | - | - | 02 | - | 02 | 8000 |
कर्नाटक | 08 | 1 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 |
केरल | 148 | 07 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 |
मध्य प्रदेश | 02 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 |
महाराष्ट्र | 119 | 08 | 03 | 01 | 0 | 0 | 0 |
मणिपुर | 10 | 1 | - | - | - | - | - |
ओडिशा | 16 | 02 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 |
पंजाब | 243 | 14 | 0 | 01 | 0 | 01 | 12000 |
राजस्थान | 11 | 02 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 |
तमिलनाडु | 36 | 18 | 1 | - | - | - | - |
त्रिपुरा | 03 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 |
उत्तर प्रदेश | 49 | 22 | 01 | 03 | 01 | 03 | 24000 |
कुल | 1348 | 199 | 74 | 11 | 17 | 12 | 123500 |
अनुलग्नक-3 | |||||||
ताजे फल और सब्जी के लिए परीक्षण रिपोर्ट आंकड़ा (1 अप्रैल 18-31 मार्च 19) | |||||||
राज्य | विश्लेषण किए गए नमूनों की संख्या | मिलावटी और गलत पाए गए नमूनों की संख्या | लॉन्च किए गए मामलों की संख्या | दोषसिद्धि / दंड की संख्या | |||
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| आपराधिक | दीवानी | दोषसिद्धि | जुर्माना संख्या | जुर्माना राशि |
अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह | 1 | - | - | - | - | - | - |
आंध्र प्रदेश | 114 | 3 | 28 | 1 | 7 | 11 | 110000 |
असम | 1 | - | - | - | - | - | - |
बिहार | 14 | - | - | - | - | - | - |
चंडीगढ़ | 6 | - | - | - | - | - | - |
दादरा एवं नागर हवेली | 24 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 |
दिल्ली | 78 | 17 | - | - | - | - | - |
गोवा | 370 | 12 | - | - | - | - | - |
गुजरात | 58 | 8 | 0 | 6 | 3 | 0 | 0 |
हरियाणा | 59 | 2 | 1 | 3 | 0 | 1 | 5000 |
कर्नाटक | 16 | 1 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 |
केरल | 76 | 5 | 6 | 1 | 1 | 0 | 0 |
मध्य प्रदेश | 3 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 |
महाराष्ट्र | 85 | 1 | 1 | 0 | 0 | 0 | 0 |
मणिपुर | 14 | - | - | - | - | - | - |
पंजाब | 234 | 60 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 |
सिक्किम | 3 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 |
तमिलनाडु | 19 | 16 | 8 | 10 | 12 | 21 | 362500 |
तेलंगाना | 16 | 5 | 5 | 0 | 0 | 0 | 0 |
उत्तर प्रदेश | 52 | 13 | 0 | 11 | 9 | 10 | 215000 |
पश्चिम बंगाल | 5 | 2 | 0 | 1 | 1 | 1 | 25000 |
कुल | 1248 | 145 | 49 | 33 | 33 | 44 | 717500 |
स्रोत: राज्य/केंद्र शासित प्रदेश