जन औषधि दिवस 7 मार्च, 2020 को मनाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नई दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से चुने हुए जन औषधि केन्द्रों के मालिकों तथा प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) के लाभार्थियों से बातचीत करेंगे। दूरदर्शन समाचार के माध्यम से प्रत्येक जन औषधि केन्द्र से प्रधानमंत्री के संदेश को प्रसारित किया जाएगा।
केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री डी वी सदानंद गौड़ा उत्तर प्रदेश के वाराणसी में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना केंद्र में भाग लेंगे। केंद्रीय जहाजरानी और रसायन तथा उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख लक्ष्मणभाई मंडाविया जम्मू और कश्मीर के पुलवामा में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना केंद्र में भाग लेंगे। गौड़ा ने सभी केन्द्रीय मंत्रियों से जन औषधि दिवस समारोह में भाग लेने का अनुरोध किया है, ताकि जन औषधि केन्द्रों की दवाइयों के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ाया जा सके और योजना के बारे में जागरूकता पैदा की जा सके।पूरे देश में पीएमबीजेपी केन्द्रों पर योजना के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों में डॉक्टर, स्वास्थ्य विशेषज्ञ, एनजीओ तथा बड़ी संख्या में लाभार्थी शामिल होंगे। जन औषधि दिवस का उद्देश्य जेनेरिक दवाओं के उपयोग के बारे में जागरूकता पैदा करना है। इस अवसर पर सभी के लिए गुणवत्ता संपन्न स्वास्थ्य देखभाल का कदम सरकार द्वारा उठाए गए हैं। इन कदमों में आयुष्मान भारत, पीएमबीजेवाई आदि शामिल हैं। प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना की घोषणा प्रधानमंत्री ने की थी, ताकि रियायती दरों पर सभी को विशेषकर गरीब और वंचित लोगों को उच्च गुणवत्ता की दवाइयां उपलब्ध कराई जा सकें ।
जन औषधि केंद्र को विश्व की सबसे बड़ी खुदरा दवा श्रृंखला माना जाता है। देश के 700 जिलों में 6200 जन औषधि केंद्र खोले गए हैं। इन केंद्रों में वित्त वर्ष 2019-20 में 390 करोड़ रुपये से अधिक की कुल बिक्री हुई और इससे सामान्य नागरिकों के लिए कुल 2200 करोड़ रुपये की बचत हुई। यह योजना सतत और नियमित आय के साथ स्वरोजगार का अच्छा साधन प्रदान करती है