दिल्‍ली के वैज्ञानिकों ने राष्‍ट्रीय युवा महिला पुरस्कार प्राप्त

डीआरडीओ, तिमारपुर, दिल्ली के शरीरक्रिया विज्ञान तथा संबद्ध विज्ञानों का रक्षा संस्‍थान (डीआईपीएएस)  से जुड़ी डॉ. श्वेता रावत ने दंगा नियंत्रण कार्य में तैनात महिला सैनिकों की सुरक्षा के लिए एक विशेष फुल बॉडी प्रोटेक्टर (प्रबला) तैयार किया है।इस बॉडी प्रोटेक्टर को  द्रुत कार्य बल (रैपिड एक्‍शन फोर्स) के सहयोग से विकसित किया गया है, जिसमें शारीरिक आकार और परिस्थितियों के अनुकूल डिजाइन सिद्धांतों का उपयोग किया गया है।



 इस फुल बॉडी प्रोटेक्‍टर में कई खास गुण हैं। यह प्रोटेक्टर चोट, आग, तेजाब से बचाव करता है साथ ही इसकी ऊपरी परत आसानी से भेदी भी नहीं जा सकती। इसे कार्यस्थल पर तैनात महिला बलों की सुविधा के अनुसार निर्मित किया गया है।भारतीय प्रौद्योगिकी संस्‍थान (आईआईटी) दिल्‍ली के रसायन अभियंत्रण विभाग की डॉ. शालिनी गुप्ता ने सफलतापूर्वक एक तकनीक का विकास किया है, जो देखभाल एवं बैक्टीरियल सेप्टीसीमिया के उपचार के लिए शीघ्र और सस्ती जांच की सुविधा प्रदान करता है। बैक्टीरियल सेप्टीसीमिया  के कारण विश्‍वभर के अस्पतालों में काफी संख्‍या में मरीजों की मौत होती है।


इसके परिणामस्‍वरूप स्टार्ट-अप नैनो डीएक्स हेल्थकेयर प्राइवेट की शुरूआत हुई है। इसमें एक चिप पर चिकित्‍सीय जांच, औषधि वितरण और जैवकीय पदार्थों के संयोजन के लिए एक नई जैवकीय प्रणाली डिजाइन करने के लिए अपरंपरागत पहुंच का इस्‍तेमाल किया जा रहा है। जीवाणु के प्रारंभिक निदान के लिए प्राकृतिक रूप से पैथोजन से प्राप्‍त संवर्धित एंडोटॉक्सिन का उपयोग करके एक नैदानिक किट विकसित की गई है, जिसपर अभी नैदानिक परीक्षण किए जा रहे हैं। दवा वितरण प्रणालियों में, कैंसर और बैक्टीरिया के संक्रमण को समाप्त करने के लिए कैंसर एवं बैक्टीरिया की थैरेपी को एक साथ मिलाकर एक एकल वितरण प्‍लेटफॉर्म से जोड़ा गया है।