अर्जुन मुंडा ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आदिवासी महिलाओं के उद्यमशीलता विकास पर जोर दिया

केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने देश भर में जनजातीय महिलाओं को उचित शिक्षा और कौशल विकास के जरिए उनके उद्यमशीलता उत्थान पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने देश के आदिवासी लोगों, खासकर आदिवासी महिलाओं के समग्र विकास के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की हैं। सरकार ने इस वर्ष 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में 1 से 7 मार्च, 2020 तक एक विशेष अभियान शुरू किया है, जिसमें 5 मार्च का थीम जनजातीय मामला है। वर्तमान शैक्षणिक वर्ष के दौरान देश भर के विभिन्न एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों में नामांकित आदिवासी छात्रों की कुल संख्या 73,145 है और इनमें से 36,435 छात्राएँ विभिन्न ईएमआरएस में अध्ययनरत हैं। ईएमआरएस में पढ़ने वाले कुल छात्रों में से लगभग आधी लड़कियां हैं जिससे स्पष्ट है कि आदिवासी लड़कियों के बीच साक्षरता दर में नाटकीय रूप से सुधार हुआ है।मुंडा ने कहा कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम (एनएसटीएफएनडीसी) ‘आदिवासी महिला सशक्तिकरण योजना’ के तहत रियायती ऋण प्रदान करता है जिसके तहत अनुसूचित जनजाति की महिलाएँ आय बढ़ाने का कोई काम शुरू कर सकती हैं। 1 लाख रुपये तक की योजना के लिए 90 प्रतिशत तक का ऋण 4 प्रतिशत सालाना की बेहद रियायती दर पर प्रदान किया जाता है। उन्होंने कहा कि जनजातीय कार्य मंत्रालय आदिवासी लड़कियों की शिक्षा और स्वास्थ्य से संबंधित काम करने वाले एनजीओ की सहायता करता है।


 मुंडा ने कहा कि आदिवासी कार्य मंत्रालय द्वारा हाल ही में शुरू की गई ‘पीएम वन धन योजना’ वन धन के जरिए अधिकतम लाभ सुनिश्चित करते हुए आदिवासी महिलाओं को आजीविका उपार्जन में मदद कर रही है। ट्राइफेड ने देश के विभिन्न स्थानों पर ट्राइब्स इंडिया नामक नए आउटलेट खोलकर जनजातीय हस्तशिल्प और वस्तुओं को बढ़ावा देने के लिए एक कदम आगे बढ़ाया है। इन आउटलेट्स पर आदिवासी महिलाओं द्वारा बड़ी संख्या में हस्तकला के सामान उत्पादित किए जाते हैं जिससे आदिवासी महिलाओं को आजीविका उपार्जन और आय में वृद्धि करने में मदद मिलती है।


 मुंडा ने कहा कि जनजातीय कार्य मंत्रालय अनुसूचित जनजाति के छात्रों और छात्राओं को वित्तीय सहतायता प्रदान करने के उद्देश्य से कई छात्रवृत्ति योजनाओं को लागू कर रहा है ताकि वे अपनी शिक्षा को पूरा कर सकें। जैसे -



  1. अनुसूचित जनजाति के छात्रों (वीं और 10 वीं कक्षा) के लिए प्रो-मैट्रिक छात्रवृत्ति: यह ओपेन एंडेड केंद्र प्रायोजित छात्रवृत्ति योजना है। यह कक्षा IX-X में पढ़ने वाले छात्रों के लिए लागू है जिसमें छात्राओं को प्राथमिकता दी जाती है। लाभार्थी की तिथि का प्रबंधन राज्य / केंद्रशासित प्रदेश करता है। इस मंत्रालय के डीबीटी-एमआईएस पोर्टल पर राज्य / केंद्रशासित प्रदेश द्वारा 31.01.2020 को अपलोड किए गए लाभार्थी आंकड़ों के अनुसार महिला लाभार्थियों के विवरण इस प्रकार हैं।


 





















 



2017-18



2018-19



राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अपलोड किए गए कुल लाभार्थी



1137252



791209



महिला लाभार्थी



581701



399145




  1. अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति (11वीं कक्षा): यह  एक ओपन एंडेड केंद्र प्रायोजित छात्रवृत्ति योजना है। यह उन छात्रों पर लागू होता है जो  किसी मान्यताप्राप्त संस्थान के किसी मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रम में अध्ययन करते हैं और जिसके लिए योग्यता मैट्रिकुलेशन / कक्षा X या उससे ऊपर है। इसमें लड़कियों को प्राथमिकता दी जाती है। इस मंत्रालय के डीबीटी-एमआईएस पोर्टल पर राज्य / केंद्रशासित प्रदेश द्वारा 31.01.2020 को अपलोड किए गए लाभार्थी आंकड़ों के अनुसार महिला लाभार्थियों के विवरण इस प्रकार हैं।


 




















 

2017-18



2018-19



राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अपलोड किए गए कुल लाभार्थी



1712373



1736131



महिला लाभार्थी



827377



846138




  1. एसटी छात्रों की उच्च शिक्षा के लिए राष्ट्रीय फैलोशिप और छात्रवृत्ति: इस योजना के तहत देश में एम.फिल और पीएचडी की उच्च शिक्षा के लिए प्रत्येक वर्ष एसटी छात्रों को फेलोशिप प्रदान की जाती है। इसके अलावा मंत्रालय द्वारा चिन्हित आईआईटी, एआईआईएमएस, आईआईएम, एनआईआईटी आदि जैसे देश भर में उत्कृष्टता के 246 संस्थानों में से किसी में भी निर्धारित पाठ्यक्रमों में अध्ययन के लिए एसटी छात्रों (टॉप-क्लास छात्रवृत्ति) को छात्रवृत्ति दी जाती है। इस योजना के तहत 30% छात्रवृत्ति छात्राओं को प्रदान किए जाते हैं। योजना के फैलोशिप और टॉप-क्लास दोनों घटकों के लिए महिला लाभार्थियों का विवरण नीचे दिया गया है।


 






























 

2017-18



2018-19



कुल फैलोशिप लाभार्थी



2226



2519



महिला फैलोशिप लाभार्थी



1033



1141



कुल टॉप क्लास लाभार्थी



2395



1990



महिला टॉप क्लास लाभार्थी  



359



239




  1. विदेश में अध्ययन के लिए एसटी उम्मीदवारों के लिए राष्ट्रीय प्रवासी छात्रवृत्ति (एनओएस): यह योजना विदेशों में पोस्ट ग्रेजुएशन, पीएचडी और पोस्ट-डॉक्टरल अध्ययन के लिए चयनित छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है। ऐसी हर साल कुल 20 छात्रवृत्ति दी जाती है जिसमें से 30% (6 छात्रवृत्ति) छात्राओं को दिए जाते हैं। यह छात्रवृत्ति विदेश मंत्रालय / भारतीय मिशन के माध्यम से दी जाती है। महिला लाभार्थियों (जिनके लिए वित्तीय वर्ष के दौरान विदेश मंत्रालय को भुगतान किया जाता है) का विवरण निम्नानुसार है: -




















 

2017-18



2018-19



कुल लाभार्थी



22



23



महिला लाभार्थी



1



6



 


 


 


 


 


 


उपर (i) और (ii) में उल्लिखित छात्रवृत्ति योजनाएं राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के माध्यम से कार्यान्वित की जाती हैं और पात्र एसटी छात्रों को देने के लिए राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को धन जारी किया जाता है। इन योजनाओं के तहत एसटी छात्रों के लिए प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति केंद्र और राज्य / केंद्र शासित प्रदेशों के बीच 75:25 के अनुपात में धनराशि वहन की जाती है और उत्तर पूर्वी राज्यों, जम्मू एवं कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के लिए 90:10 अनुपात में छात्रवृत्ति राशि वहन की जाती है। ऊपर की योजना (iii) के तहत धनराशि संस्थान / छात्रों को और एनओएस योजना के तहत धनराशि विदेश मंत्रालय को प्रतिपूर्ति के आधार पर जारी की जाती है।