हैंडमेड इन इंडिया के जरिए भारत को लाभकारी व्यापार स्थल पर स्थापित करने का लक्ष्य

नई दिल्ली (फेस वार्ता )7 फरवरी 2020 फ्रैंकफर्ट जर्मनी में एंबिएंट 2020 आयोजन की शुरुआत सुश्री मुदिता मिश्रा सहायक विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) श्रीमती प्रतिभा पारकर फ्रैंकफर्ट जर्मनी में काउंसिल जरनल ऑफ इंडिया के वर्मा कार्यकारी निदेशक हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच)सीओए (ईपीसीएच) के अन्य सदस्यों सुधीर कुमार त्यागी प्रिंस मलिक शरद बंसल,और ईपीसीएच के सोशल मीडिया कन्वीनर राजेश कुमार जैन की मौजूदगी में हुई। इस मेले का आयोजन 7 से 11 फरवरी 2020 तक होगा। भारत की अतुलनीय विविधता समृद्ध संस्कृतिए कला और हस्तशिल्प का प्रदर्शन करने के लिए एंबिएंट फेयर एक अच्छा अवसर प्रदान करेगा।



एंबिएंट मेले का आयोजन हर साल फरवरी माह में फ्रैंकफर्ट जर्मनी में होता है। ये दुनिया भऱ के सबसे पुराने और मशहूर आयोजनों के तौर पर जाना जाता है। इस आयोजन को दुनिया भर में नए उत्पादए नए ट्रेंड्स और इनोवेशन को वैश्विक मंच पर पेश करने के लिए जाना जाता है। एंबिएंट मेले में दुनिया के 80 देशों की 4500 हजार से ज्यादा कंपनियोंने हिस्सा लिया है। इस आयोजन में करीब डेढ़ लाख से ज्यादा ट्रेड विजिटर्स आते हैं। इस मेले में घरेलू सामान, सजावट की वस्तुएं, फैशन एसेसरीज, क्रिसमस की सजावट, लकड़ी के हस्तशिल्प जैसे तमाम वस्तुओं को प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाता है। 
इस साल एंबिएंट 2020 में 500 से ज्यादा भारतीय कंपनियां हिस्सा ले रही हैं। इन 500 कंपनियों में से ईपीसीएच ने 68 प्रतिभागियों के साथ मिलकर एक विशेष हस्तशिल्प पैवेलियन का निर्माण किया है। इन पैवेलियन में क्रिसमस के सजावटी सामान,फैशल ज्वैलरी बाथरूम एसेसरीज,लकड़ी की हस्तशिल्प कला टेक्सटाइल,चमड़े की वस्तुओं, लैंप और लाइटिंग, और सेरेमिक की विशिष्ट वस्तुओं को प्रदर्शित किया गया है। आयोजन के बारे में हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) के महानिदेशक राकेश कुमार ने बताया कि डेवलपमेंट कमिश्नर हस्तशिल्प कार्यालय ने चार मास्टर शिल्पियों को चार कलाओं को लाइव बनाने की व्यवस्था की है। इनमें बिहार की मधुबनी पेंटिंग दिल्ली की मेटल 
एनग्रेविंग,ओडिशा की पत्ताचित्र ,ताडपत्र पर बनाए जाने वाली का नक्काशी पेटिंग और टसर पेंटिंग करने वाले कारगार शामिल हैं। ये कारीगर दर्शकों के सामने ही अपनी कला का प्रदर्शन कर रहें हैं।
इस आयोजन में भारत की प्रतिभागिता से मेले की विविधता बढ़ी है। इसके साथ ही विश्व भर के उत्पादकों  रिटेलर्स, और ब्रांड्स ने टेक्सटाइल ,कपड़ा, कंज्यूमर प्रोडक्ट्स इंडस्ट्री में भारत की सशक्त उद्यमिता का परिचय हासिल किया है। इससे भारत में निवेश को भी मजबूती मिल सकेगी और भारत में कई तरह के नए अवसर भी बन सकेंगे।सहायक विकास आयुक्त (हस्तशिल्पद्ध) सुश्री मुदिता मिश्रा ने इस मौके के सही उपयोग पर बल दिया। उन्होंने उम्मीद जताई कि एंबिएंट जैसे वैश्विक मेले में भारत के विविध हस्तशिल्पों के प्रदर्शन से बहुत फायदा होगा। इससे जर्मनी समेत पूरे यूरोप और दूसरे देशों में भारतीय हस्तशिल्प के लिए बड़ा बाज़ार बनाया जा सकेगा। 
इस अवसर ईपीसीएच के महानिदेशक कुमार ने कहा जर्मनी भारतीय उत्पादों के लिए हमेशा से बड़ा बाज़ार रहा है। ऐसे में पूरे विश्व के लिहाज से एंबिएंट भारतीय कंपनियों के लिए एक महत्वपूर्ण मार्केटिंग माध्यम बन सकता है। वर्ष 2018-19 के दौरान यूरोपियन यूनियन में भारतीय हस्तशिल्प का निर्यात 802. 06 मिलियन अमरीकी डॉलर रहा था। जो कि पूरे विश्व में होने वाले भारतीय हस्तशिल्प निर्यात का 21.09 प्रतिशत है। पिछले वर्ष के तुलना में डॉलर के लिहाज से हैंडीक्राफ्ट निर्यात में 536 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके साथ ही इस क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों से भारत के निर्यात में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गयी है। यूरोपियन यूनियन को होने वाले कुल निर्यात में से अकेले जर्मनी में 195.77 मिलियन डॉलर का निर्यात किया गया है। इस मेले में भारत पर विशेष फोकस क्षेत्र में निर्यात को और ज्यादा बढ़ावा दे सकता है। 


विश्व भर में भारत के हस्तशिल्प उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए ईपीसीएच को नोडल एजेंसी बनाया गया है। इसके साथ ही ईपीसीएच दुनिया भर में भारत की छवि सही मूल्य पर विश्वसनीय सप्लायर के तौर पर स्थापित करने में जुटी है।