बच्ची की मौत के बाद मिस्र के सरकारी वकील ने बच्ची के माता पिता और खतना करने वाले चिकित्सक को गिरफ्तार करने के आदेश जारी ।

  दक्षिणी मिस्र में 12 साल की एक बच्ची की खतने ;एफएमजी के बाद इस सप्ताह मौत हो जाने का मामला सामने आया है। एक न्यायिक बयान में कहा गया कि बच्ची के माता पिता उसे उस चिकित्सक के पास ले गए थे जो एफएमजी करता था।मिस्र की संसद में वर्ष 2008 में एक कानून पारित किया गया जिसके तहत महिलाओं के खतने पर प्रतिबंध लग गया हालांकि विपक्षी दल ने इसका पुरजोर विरोध किया था देश में खतना अपराध होने के बावजूद बड़े पैमाने पर इसकी सदियों पुरानी परंपरा चल रही है मिस्र में 2008 में संसद में एक कानून पारित किया गया जिसके तहत महिलाओं के खतने पर प्रतिबंध लग गया हालांकि विपक्षी दल ने इसका पुरजोर विरोध किया था। देश में खतना अपराध होने के बावजूद बड़े पैमाने पर खतने की सदियों पुरानी परंपरा चल रही है।


अभियोजन कार्यालय से बृहस्पतिवार ;30 जनवरी रात एक बयान जारी करके कहा कि असिउत प्रांत में बच्ची की मौत के बाद मिस्र के सरकारी वकील ने बच्ची के माता पिता और खतना करने वाले चिकित्सक को गिरफ्तार करने के आदेश जारी किए।


सरकार ने 2015 में एक सर्वेक्षण कराया था जिसमें यह सामने आया कि मिस्र की 87 फीसदी महिलाओं का 15 से 49 साल की उम्र में खतना हुआ था। 2016 में मिस्र के सांसदों ने एफएमजी कानून में संशोधन किया जिसमें इसे छोटे जुर्म की श्रेणी से हटा कर बड़े जुर्म की श्रेणी में लाया गया।


पहले इसके दोषियों को दो साल तक कि जेल का प्रावधान थाए लेकिन बड़े जुर्म की श्रेणी में आने के बाद इसके लिए कड़े दंड के प्रावधान हैं। हालांकि महिला अधिकारों की वकील कहती हैं कि इस कानून में अब भी कई खामियां हैं।