उपराष्ट्रपति ने वीर सावरकर और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन चरित को पाठ्य पुस्तकों में शामिल करने का आह्वान किया

उपराष्ट्रपति, एम. वेंकैया नायडू ने आज वीर सावरकर और देश के विभिन्न हिस्सों के स्वतंत्रता संग्राम के अन्य नायकों की जीवन गाथाओं को स्कूल पाठ्यपुस्तकों में शामिल करने का सुझाव दिया।


पोर्ट ब्लेयर म्युनिसिपल काउंसिल (पीबीएमसी) द्वारा उनके सम्मान में आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में अंडमान की सेलुलर जेल की ऐतिहासिक भूमिका भी इतिहास की पाठ्यपुस्तकों का हिस्सा होनी चाहिए।उन्होंने सभी सांसदों, विधायकों और एमएलसी से अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और सेलुलर जेल का दौरा करने का आग्रह किया।पिछले दिवस सेलुलर जेल की अपनी यात्रा का स्‍मरण करते हुए, श्री नायडू ने इसका एक पवित्र मंदिर की तीर्थ यात्रा के रूप में वर्णन किया।


लोगों में विभाजनकारी प्रवृत्तियाँ पैदा करने के प्रयासों की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि एकता समय की आवश्यकता है। यह बताते हुए कि हमारी स्वतंत्रता बड़ी कठिनाई से हासिल हुई, उन्होंने सभी नागरिकों से स्वतंत्रता के लिए भारत के संघर्ष की कहानी और हमारे स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा दिए गए अनगिनत बलिदानों से प्रेरणा लेने और इस राष्ट्र की एकता और अखंडता को मजबूत करने का प्रयास करने का आग्रह किया।


इससे पहले दिन में, उपराष्ट्रपति ने पोर्ट ब्लेयर में हड्डो स्थित नेचर पार्क और इंटरप्रिटेशन सेंटर का उद्घाटन किया। उन्होंने तितलियां छोड़ी और पार्क में तितली कंज़र्वेटरी का भ्रमण किया। अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में तितलियों की लगभग 300 प्रजातियां मौजूद हैं, जिनमें से 207 इस क्षेत्र के लिए स्थानिक हैं। जल निकायों को इंटर-कनेक्टिंग चैनलों के साथ इस कंज़र्वेटरी से जोड़ा गया है, ताकि तितलियों को पनपने के लिए आवश्यक नमी और हवादार सूक्ष्म जलवायु उपलब्‍ध कराई जा सके।उपराष्‍ट्रपति नेचर पार्क में आर्कि‍ड (विशिष्‍ट फूलदार पौध) तथा इंटरप्रिटेशन सेंटर गए। यहां उष्‍णकटीबंधी आर्किड का प्रदर्शन किया गया है। अभी तक अंडमान द्विप समूह से आर्किड की 140 प्रजातियां और इतनी ही संख्‍या में फर्न पौधों की प्रजातियां पाई गई हैं। इनमें फर्न का पेड़ है, जिसका मूल जुरासिक युग से पाया जाता है। कंफेक्‍शनरी बनाने में इस्‍तेमाल किए जाने वाल विनेला आर्किड प्रजातियों से आता है।


नेचर पार्क में उप राष्‍ट्रपति ने अंडमान पदाउक पेड़ की लकड़ी से बनी मॉं और बच्‍चे की मूर्ति की सराहना की। यह मूर्ति माता के रूप में प्रकृति का नेतृत्‍व करती है, जो सभी का लालन-पालन प्‍यार से करती है। माता के रूप में एक जनजातीय महिला को अंडमान के जनजातीय लोगों के सम्‍मान के रूप में दिखाया गया है। अंडमान के लोग द्विपसमूह के संरक्षक समझे जाते हैं।


उन्‍होंने एसी बसों तथा इलेक्ट्रिक वाहनों को झंडी दिखाकर रवाना किया। उपराष्‍ट्रपति ने पहल के लिए अंडमान तथा निकोबार प्रशासन की सराहना की और कहा कि इससे निरंतर मोबेलिटी समाधान प्राप्‍त होगा और द्विपसमूह की स्‍वच्‍छता और हरियाली बनाये रखने में मदद मिलेगी। उन्‍होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों से उत्‍सर्जन में कमी आएगी और प्रदूषण नियंत्रित होगा।


एकल उपयोग प्‍लास्टिक को प्रतिबंधित करने के लिए तथा मूल भावना से स्‍वच्‍छ भारत अभियान लागू करने के लिए प्रशासन की सराहना करते हुए श्री नायडु ने कहा कि नवीकरणनीय ऊर्जा क्षमता में वृद्धि सहित इन पहलों से द्विपसमूह में सतत विकास को प्रोत्‍साहन मिलेगा। जलवायु परिवर्तन के कारण द्विपसमूह को होने वाले नुकसान पर चिंता व्‍यक्‍त करते हुए उप राष्‍ट्रपति ने कहा कि भारत नवीकरणीय ऊर्जा को प्रोत्‍साहित करने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। भारत ने सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए अंतर्राष्‍ट्रीय सौर गठबंधन बनाया है।


विकास में संपर्क की भूमिका को उजागर करते हुए उपराष्‍ट्रपति ने विश्‍वास व्‍यक्‍त किया कि समुद्री ऑप्टिकल फाइबर केबल कनेक्टिविटी जो जून 2020 तक चालू हो जाएगी, उससे द्वीप के विकास में बदलाव आएगा। द्वीप के चार मार्गों को क्षेत्रीय संपर्क के लिए उड़ान में शामिल किया गया है और उम्‍मीद है कि इस वर्ष पोर्ट ब्‍लेयर से अंतर्राष्‍ट्रीय हवाई यात्रा शुरू कर दी जाएगी।


परम्‍परागत बिजली के मीटरों के स्‍थान पर स्‍मार्ट मीटरों की परियोजना की शुरुआत करते हुए उपराष्‍ट्रपति ने इसे गरीबों के हित में एक कदम बताया।उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि स्‍मार्ट मीटर से बिल के भुगतान में आसानी होगी और गलत बिलिंग की संभावना खत्‍म हो जाएगी। उन्‍होंने कहा कि स्‍मार्ट मीटर के साथ पेपर रहित बिलिंग से पेड़ों की रक्षा होने के साथ-साथ पर्यावरण को बचाने में मदद मिलेगी।उपराष्‍ट्रपति ने ‘स्‍वच्‍छता और ठोस कचरा प्रबंधन’ विषय पर पोर्ट ब्‍लेयर निगम परिषद द्वारा लगाई गई फोटो गैलरी और प्रदर्शनी को देखा। इस गैलरी में स्‍वच्‍छता और ठोस कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में पीएमसी द्वारा अपनाई गई सर्वश्रेष्‍ठ प्रक्रियाओं को प्रदर्शित किया गया है, जैसे सड़क निर्माण में 10 प्रतिशत प्‍लास्टिक का इस्‍तेमाल और जल शक्ति अभियान के अंतर्गत परम्‍परागत जापानी कुओं की बहाली। प्रदर्शनी में अनेक व्‍यावहारिक और सुरुचिपूर्ण ‘कचरे से संपत्ति उत्‍पादों’ को प्रदर्शित किया गया है।उपराष्‍ट्रपति ने स्‍मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत तीन परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इनमें मरीन एस्‍प्‍लेनेड, पड़ोस के पार्क और मलीय तलछट शोधन संयंत्र शामिल हैं।


इस अवसर पर पोर्ट ब्‍लेयर के उपराज्‍यपाल एडमिरल डी.के. जोशी, मुख्‍य सचिव  चेतन वी. सांघी और अन्‍य गणमान्‍य व्‍यक्ति उपस्थित थे।