भारत की ऊर्जा नीति रिपोर्ट की समीक्षा लॉन्च की

केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा इस्पात मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, केन्द्रीय कोयला, खान और संसदीय मामलों के मंत्री  प्रह्लाद जोशी, केन्द्रीय ऊर्जा और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राज कुमार सिंह, नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार, अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) के कार्यकारी निदेशक एवं राजदूत डॉ. फतेह बिरोल तथा नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत ने आज नई दिल्ली में संयुक्त रूप से भारत की ऊर्जा नीति रिपोर्ट की समीक्षा लॉन्च किया। यह समीक्षा रिपोर्ट अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) द्वारा तैयार की गई है धर्मेन्द्र प्रधान ने डॉ. फतेह बिरोल और  उनकी आईईए की टीम को भारत के ऊर्जा क्षेत्र के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट बनाने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि कि रिपोर्ट में कही गई बातें प्रधानमंत्री के ऊर्जा विजन को हासिल करने की दिशा में किए गए महत्वपूर्ण कार्यों की पुष्टि करती हैं। ऊर्जा विजन के महत्वपूर्ण घटक हैं – ऊर्जा तक पहुंच, ऊर्जा दक्षता, ऊर्जा का दीर्घावधि प्रयोग और ऊर्जा सुरक्षा। ऊर्जा न्याय, ऊर्जा विजन के केन्द्र में है।


प्रधान ने कहा कि भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता है। भारत अपने ऊर्जा क्षेत्र में एक बड़े बदलाव के दौर में है। सरकार की ऊर्जा नीतियां स्पष्ट रूप से दिखाती हैं कि हम जिम्मेदारी के साथ तथा दीर्घावधि उपयोग को ध्यान में रखते हुए इस ऊर्जा बदलाव को अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है।



धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि 2015 से भारत सरकार द्वारा शुरू की गई कई पहलों ने भारत की स्थायी ऊर्जा के प्रति प्रतिबद्धता को स्पष्ट किया है। “एक विकासशील देश के रूप में हमारी प्रमुख चुनौती ऊर्जा की बढ़ती मांग को पूरा करना है। देश की प्रति व्यक्ति ऊर्जा खपत वैश्विक औसत से कम है। भारत ने हाल के वर्षों में आधुनिक ऊर्जा तक सार्वभौमिक पहुंच प्राप्त करने की दिशा में काफी प्रगति की है। इसमें शामिल है – लोगों के लिए खाना पकाने का स्वच्छ ईंधन, बिजली एवं किफायती, सुरक्षित और स्वच्छ ऊर्जा की उपलब्धता। सभी के  लिए ऊर्जा संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य 7 (एसडीजी-7) है। इस दिशा में देश में हुई प्रगति को समीक्षा रिपोर्ट में उचित स्थान दिया गया है। रिपोर्ट में आने वाले दिनों की मुख्य चुनौतियों को भी स्पष्ट किया गया है।उज्ज्वला योजना के बारे में प्रधान ने कहा कि देश के सुदूर क्षेत्रों में भी स्वच्छ ईंधन उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। एलपीजी को प्रोत्साहन देने से संबंधित अपने अनुभव को हम अफ्रीका और एशिया के देशों के साथ साझा कर रहे हैं। हमें लंबी दूरी तय करनी है और हमें यह सुनिश्चित करना है कि योजनाओं का क्रियान्वयन देश के सभी हिस्सों तक समान रूप से हो।