उपराष्‍ट्रपति ने बलांगीर में एलपीजी संयंत्र खुलने पर पश्चिमी ओडि़शा के लोगों को बधाई दी

उपराष्‍ट्रपति एम वेंकैया नायडू ओडिशा के बलांगीर में तेल विपणन कंपनी भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) द्वारा लगाये गए एक एलपीजी संयंत्र का आज उद्घाटन करने जाने वाले थे। वे वहां राजेन्‍द्र कालेज की 75 वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्‍य में आयोजित समारोह में भी भाग लेने वाले थे लेकिन बलांगीर में खराब मौसम के कारण उनका हेलिकाप्‍टर रायपुर से बलांगीर के लिए उड़ान नहीं भर सका। उपराष्‍ट्रपति ने तीन घंटे रायपुर हवाई अड्डे पर प्रतीक्षा की लेकिन दृश्‍यता खराब रहने के कारण हेलीकाप्‍टर की उड़ान रद्द करनी पड़ी ऐसे में उपराष्‍ट्रप‍ति ने ऑडियो संदेश के जरिए बलांगीर के लोगों को नये संयंत्र की बधाई दी।  


      अपने संदेश में उपराष्‍ट्रपति ने ऐसे महत्‍वपूर्ण मौके पर नहीं पहुंच पाने और बलांगीर के लोगों से नहीं मिल सकने पर अफसोस जताया। उन्‍होंने इसके साथ ही नए संयंत्र के लिए बलांगीर के लोगों के साथ ही बीपीसीएल को भी बधाई दी। उन्‍होंने कहा कि इस संयंत्र से 20 लाख परिवारों को लाभ मिलेगा और उनके लिए प्रति वर्ष 42 लाख एलपीजी सिलेंडर इस संयंत्र से भरे जाएंगे।उपराष्‍ट्रपति ने प्रधानमंत्री उज्‍ज्‍वला योजना के तहत एलपीजी सिलेंडरों के वितरण में हुई प्रगति की सराहना की और लोगों तक हरित ऊर्जा की इस पहुंच को सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण की दिशा में किये जा रहे प्रयासों का अहम हिस्‍सा बताया।नायडू ने उम्‍मीद जताई कि बलांगीर संयंत्र सरकार के इन प्रयासों को और बढ़ावा देगा तथा क्षेत्र में एलपीजी सिलंडरों की समय से आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी, जिससे महिलाओं का जीवन स्‍वस्‍थ और सुगम हो सकेगा।    


उपराष्‍ट्रपति ने बलांगीर को राजेन्‍द्र कॉलेज के छात्रों, संकाय के सदस्‍यों तथा पूर्व छात्र रह चुके लोगों को कॉलेज की 75वीं वर्षगांठ मनाये जाने पर बधाई और शुभकांमनाएं दी। कॉलेज की स्‍थापना ब्रिटिश शासन के दौरान पटना रियासत के राजा श्री राजेन्‍द्र नारायण सिंह देव द्वारा 1944 में की गई थी। श्री देव बाद में ओडिशा के मुख्‍यमंत्री भी बने थे।


उपराष्‍ट्रपति ने समय से काफी पहले ही समाज की प्रगति और बेहतरी के लिए अच्‍छी शिक्षा के महत्‍व को समझने के लिए श्री देव की दूरदर्शिता की सराहना की। उन्‍होंने कॉलेज के सभी छात्रों के लिए उज्‍ज्‍वल भविष्‍य की कामना करते हुए उम्‍मीद जताई कि वे अपने ज्ञान और कौशल का इस्‍तेमाल लोगों की सेवा और राष्‍ट्र को समृद्धि के मार्ग पर ले जाने के लिए करेंगे।