संविधान है एक जैविक दस्तावेज -पद्मभूषण सुभाष कश्यप

ग्रेटर नोएडा :  जगगन्नाथ इंस्टीट्यूट में सात दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम के पांचवें दिन विधि क्षेत्र व शोध विकास पर परिचर्चा के दौरान आज संविधान विशेषज्ञ पद्मभूषण डाक्टर सुभाष कश्यप ने विभन्न विषयो पर अपने विचारों को रखा। डाक्टर कश्यप ने बताया कि विधि विषय एक विस्तृत क्षेत्र है और संविधान किसी भी राष्ट्र की विधि का मूलरूप है । ऐसे जैविक विधि पढ़ाना और विद्यार्थियों को समझना एक कला है क्योंकि यह क्षेत्र अपने आप मे एक विस्तृत और प्रगतिशील क्षेत्र है । उन्होंने अपने व्याख्यान के दौरान संविधान के उन पहलुओं की ओर ध्यानाकर्षण किया जो कि किसी भी विद्यार्थियों व शिक्षकों के लिये भ्रंतिया है।डॉक्टर कश्यप ने अपने व्याख्यान के दौरान केंद्र व राज्यो के सम्बन्धों पर भी प्रकाश डाला। यह भी बताया कि किस तरह शिक्षक को अपने ज्ञान और विचारों को विद्याथियों को प्रेषित कर सके और उन्हे अनुभवी ज्ञान, नवीन उदाहरणों से सुगमता और सरलता से समझा सके। इस दौरान डाक्टर कश्यप ने एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि अनुछेद 370 को जहां तक हटाने का सवाल है, तो इसको लेकर संविधान में दो बातें कहीं गई है. पहली बात ये है कि अनुच्छेद 370 को जम्मू कश्मीर विधानसभा की सहमति से संसद हटा सकती है, जबकि दूसरा प्रावधान है कि संविधान के अनुच्छेद 368 के तहत संसद दो तिहाई बहुमत से इसको समाप्त कर सकती है।डाक्टर सुभाष कश्यप का कहना है कि अनुच्छेद 368 संसद को संविधान के किसी भी अनुच्छेद में संशोधन करने या उसको हटाने का अधिकार देती है. ये ही अनुच्छेद 370 के बारे में कई गुत्थियां सुलझाता है ।


उन्होंने अपने विचार नागरिकता कानून पर विभिन्न केंद्रीय व राज्य विश्वविद्यालयों से आये हुए फेकल्टीयो के साथ साझा किया।कार्येक्रम के अंत में प्रोफेसर डॉक्टर पल्लवी गुप्ता व प्रोफेसर अजय त्यागी ने डाक्टर सुभाष कश्यप को स्म्रति चिन्ह व शॉल भेट किया। यह एक राष्ट्रीयस्तर की फ़ैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम है जिसमे देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों को 50 से अधिक फ़ैकल्टी भाग ले रही है।डॉक्टर दीप्ती सिन्हा ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। कार्येक्रम मे डॉक्टर अमित राठी,डॉक्टर रहमान,सुधीर द्विवेदी,प्रशांत पांडेय,आसना सिन्हा,सौम्या शर्मा समेत कई लोग उपस्थित रहे।