रेल मंत्रालय ने ब्रिटेन के डीएफआईडी के साथ समझौता

भारतीय रेल को 'हरित रेल' में परिवर्तित करने के लक्ष्य के साथ रेल नेटवर्क के पूर्ण विद्युतीकरण को मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने मंजूरी दी है। इससे कार्बन फुटप्रिंट में कमी आएगी और ईंधन की लागत में कमी आने से इसकी वित्तीय स्थिति में भी सुधार होगा। 



कार्बन फुटप्रिंट में कमी लाने के अपने उत्तरदायित्वों और प्रतिबद्धता के तहत भारतीय रेल इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए हरित ऊर्जा के क्षेत्र में कई कदम उठा रही है। ऊर्जा और निरंतरता पर सहयोग के लिए रेल मंत्रालय, भारत सरकार और ब्रिटेन के अंतर्राष्ट्रीय विकास विभाग (डीएफआईडी) के बीच 2 दिसम्बर, 2019 को समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौता पत्र पर रेलवे बोर्ड के सदस्य (ट्रैक्शन) श्री राजेश तिवारी की मौजूदगी में भारतीय रेल में कार्यकारी निदेशक/इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (विकास) श्री राजेश कुमार जैन और डीएफआईडी-भारत के प्रमुख श्री गेविन मैक्गिलिवेरी ने हस्ताक्षर किए।   


विद्युत क्षेत्र सुधार (पीएसआर) कार्यक्रम के माध्यम से डीएफआईडी के साथ समझौता ज्ञापन भारतीय रेल के लिए ऊर्जा दक्षता और ऊर्जा आत्म निर्भरता के लिए सहयोग की परिकल्पना करता है। इस समझौता ज्ञापन के अंतर्गत निम्नलिखित शामिल होंगे :



  1. सरकार की समय-समय पर लागू होने वाली नीतियों और नियमों के अनुरूप भारतीय रेल के लिए बिजली की आपूर्ति के शत-प्रतिशत हरित स्रोतों सहित ऊर्जा की योजना जिसमें;



  • नवीकरणीय ऊर्जा की योजना और इस्तेमाल

  • अपतटीय पवन और सौर ऊर्जा

  • ऊर्जा भंडारण और नवीन ऊर्जा प्रौद्योगिकियां

  • ऑफ-ग्रिड नवीकरणीय ऊर्जा सेवाएं



  1. ऊर्जा की निरंतरता को बढ़ावा देने के कदम जैसे



  • ऊर्जा दक्ष पद्धतियां अपनाना

  • ईंधन दक्षता को सक्षम बनाना



  1. इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग अवसंरचना का इस्तेमाल



  1. बैटरी द्वारा संचालित शंटिंग लोकोमोटिव



  1. प्रशिक्षण कार्यक्रमों, औद्योगिक दौरों, फील्ड दौरों आदि जैसे क्षमता विकास


भारतीय रेल में ऊर्जा के संदर्भ में आत्मनिर्भरता और दक्षता तथा हरित भारतीय रेल सुनिश्चित करने की दिशा में भारतीय रेल का डीएफआईडी, ब्रिटेन के साथ सहयोग लंबे समय तक लाभकारी रहेगा।