ऑटोमोबाइल, इस्‍पात, फ्लाई एैश, सीमेंट और विशेष किस्‍म की वस्‍तुओं की ढुलाई पर विशेष चर्चा

नई तरह की वस्‍तुओं की ढुलाई के अनुरुप डिब्‍बे डिजाइन करने के लिए आज रेल मंत्रालय की ओर से एक सम्‍मेलन आयोजित किया गया। यह इस तरह का तीसरा सम्‍मेलन था। इसका उद्देश्‍य ऑटोमोबाइल,इस्‍पात,सीमेंट,अनाजों और अन्‍य तरह की विशेष वस्‍तुओं की ढुलाई में आने वाली दिक्‍कतों से निबटने के अभिनव तरीके ईजाद करने तथा माल ढुलाई के क्षेत्र में भारतीय रेल के लिए बाजार संभावनाओं का पता लगाने के लिए रोडमैप तय करना था। यह रेलवे द्वारा प्रमुख साझेदारों के सहयोग से माल ढुलाई के क्षेत्र में आनी वाली दिक्‍कतों का व्‍यावहारिक समाधान तलाशने का एक प्रयास था।       


 सम्‍मेलन का उद्घाटन करते हुए रेलवे बोर्ड के सदस्‍य श्री राजेश अग्रवाल ने कहा कि हमारा लक्ष्‍य है कि देश मे कुल माल ढुलाई का 45 प्रतिशत रेल से किया जाए। उन्‍होंने कहा कि माल ढुलाई के लिए एक बार समर्पित गलियारा बन जाने से रेल के जरिए सामान लाने ले जाने की गतिविधियों में काफी तेजी आ जाएगी। उन्‍होंने मालगाड़ी के नए डिब्‍बे डिजाइन करने का काम तेजी से करने के लिए आरडीएसओ को बधाई दी। इस अवसर पर रेलवे बोर्ड के वरिष्‍ठ सदस्‍य , रेल मंत्राय के वरिष्‍ठ अधिकारी, आरडीएसओ, कॉनकोर और उद्योग जगत के प्रतिनिधि उपस्थित थे। पिछले सम्‍मेलन में विभिन्‍न हितधारकों के साथ हुई चर्चा के आधार पर रेल के माल ढुलाई के डिब्‍बो के लिए पांच तरह के डिजाइनों को चिन्हित किया गया था। इस बार सम्‍मेलन में इन डिब्‍बों को तैयार करने के लिए निर्धारित समय सीमा को डेढ़ साल से घटाकर छह महीने कर दिया गया। इसके अलावा पिछले सम्‍मेलन में उठाए गए मुद्दों पर रेलवे और हितधारकों के बीच अर्थपूर्ण चर्चा भी की गई।