जेपी स्पोर्ट्स सिटी के 1000 हेक्टेयर भूमि का आवंटन निरस्त




ग्रेटर नोएडा। शनिवार की बोर्ड बैठक में प्राधिकरण ने 1000 हेक्टेयर के जेपी स्पोर्ट्स सिटी की भूमि का आवंटन रद्द कर यह संकेत दे दिया कि वह नरमी बरतने के मूड में नहीं है। इतना ही नहीं, यमुना एक्सप्रेस वे पर मिले टोल का 25 फीसदी हिस्सा एस्क्रो एकाउन्ट में जमा करने के भी निर्देश दिए गए हैं। ताकि रोड सेफ्टी का काम तेज गति से हो सके। प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुण वीर सिंह ने माना कि यमुना एक्सप्रेस वे पर सुरक्षा मानकों को पूरा करने में जेपी की ओर से उदासीनता बरती गई है।




यीडा के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने रोड सेफ्टी के लिए कमेटी गठित थी। उस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि यमुना एक्सप्रेस वे का किलोमीटर टू किलोमीटर सेफ्टी ऑडिट होनी चाहिए। इस का ऑडिट आईआईटी दिल्ली से कराया गया। उसने कई लगभग 16 रिक्मेंडेशंस हैं। इसके अलावा कुछ रूटीन के भी काम कराने थे। उसमें 139 करोड़ का खर्च आना है, लेकिन जेपी ने अब तक सिर्फ 09 लाख 45 हजार रुपये ही खर्च किए गए हैं। उन्होंने साफ कहा कि जिस गति से जेपी काम कर रही है, उससे लगता नहीं कि आने वाले चार साल में भी रोड सेफ्टी का मानक पूरा हो पाएगा।सीईओ ने माना कि यमुना एक्सप्रेस वे पर हादसे बढ़े हैं। कई तो भयानक थे। बीते साल के मुकाबले हादसों में मृतकों की संख्या बढ़ी है। इन स्थितियों के मद्देनजर प्राधिकरण बोर्ड ने तय किया है कि यमुना एक्सप्रेस वे पर मिले टोल का 25 फीसदी रकम रोड सेफ्टी के लिए एस्क्रो एकाउन्ट में जमा करना होगा। ऐसा न करने पर जेपी के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। कार्रवाई के बाबत डॉ. सिंह ने कहा कि हो सकता है,  या फिर टोल पर अपने कर्मचारी बिठाए जाएं। उन्होंने कहा कि जेपी को एस्क्रो एकाउन्ट में 25 फीसदी जमा करना ही होगा।