एक हफ्ते के अंदर मांगें पूरी नहीं हुई तो मै मुख्यमंत्री के कार्यालय के बाहर आत्मदाह कर तो करूंगी आत्मदाह-पीड़िता बहन

15 घंटे की मान मनौवल के बाद रविवार दोपहर 11.55 बजे अंतिम संस्कार के लिए उठाया जा सका। मुख्यमंत्री के बुलाने की मांग पर अड़े पीड़िता के घरवालों को समझाने में कमिश्नर और आईजी को करीब डेढ़ घंटा लग गया। पीड़िता बहन को नौकरी और पिता,भाई को अलग-अलग आवास देने के आश्वासन के बाद ही परिजन माने।इसी बीच पीड़िता की बहन ने कहा कि एक हफ्ते के अंदर उनकी मांगें पूरी नहीं हुई तो वह मुख्यमंत्री के कार्यालय के बाहर आत्मदाह कर लेगी। बहन के जाने के बाद पूरा परिवार बिखर गया है। माता.पिता का बुरा हाल है। ऐसे में छोटी बेटी ही एक सहारा है। इस पर स्वामी प्रसाद ने कहा कि आत्मदाह अपराध की श्रेणी में आता है। इसकी नौबत ही नहीं आएगी। मुख्यमंत्री की ओर से जो वादा किया गया उसे पूरा किया जा रहा है। सरकार पीड़ित परिवार के साथ है। उसको न्याय दिलाकर ही दम लेगा। 


बता दें कि शनिवार रात 9.10 बजे पीड़िता का शव उसके घर पहुंचा तो डीएम.एसपी रात में ही अंतिम संस्कार कराने के लिए घरवालों से आग्रह करने लगे मगर परिजनों ने उनकी बात टालकर सुबह अंतिम संस्कार की बात कही। रविवार सुबह साढ़े दस बजे पिता और बहन ने कहा कि मुख्यमंत्री आएंगे तभी अंतिम संस्कार होगा। इससे प्रशासन के होश उड़ गए। पीड़िता के अंतिम संस्कार में श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद और प्रभारी मंत्री कमलरानी वरुण भी शामिल हुईं। स्वामी प्रसाद ने सपा पर मौत पर राजनीति करने का आरोप लगाया तो कमलरानी वरुण ने कहा कि सपाई भूल गए हैं कि उन्हीं के नेता कहते थे लड़कों से गलती हो जाया करती है।पीड़िता की बहन ने कहा कि एक हफ्ते के अंदर उनकी मांगें पूरी नहीं हुई तो वह मुख्यमंत्री के कार्यालय के बाहर आत्मदाह कर लेगी। बहन के जाने के बाद पूरा परिवार बिखर गया है। माता-पिता का बुरा हाल है। ऐसे में छोटी बेटी ही एक सहारा है। इस पर स्वामी प्रसाद ने कहा कि आत्मदाह अपराध की श्रेणी में आता है। इसकी नौबत ही नहीं आएगी। मुख्यमंत्री की ओर से जो वादा किया गया उसे पूरा किया जा रहा है। सरकार पीड़ित परिवार के साथ है।