भारत और ब्राजील के बीच जैव ऊर्जा सहयोग के बारे में समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर करने की मंजूरी

भारत और ब्राजील विश्‍व में ऊर्जा के बड़े उपभोक्‍ता हैं। ब्राजील पूरे एलएसी (लेटिन अमेरिका और कैरिबयन) क्षेत्र में भारत के सबसे प्रमुख व्‍यापारिक भागीदारों में से एक है। वर्तमान में ब्राजील जैव ईंधन का सबसे बड़ा उत्‍पादक और उपभोक्‍ता देश है। जैव ईंधन और जैव विद्युत का ब्राजील के ऊर्जा मिशन में 18 प्रतिशत योगदान है। भारत ने भी जैव ईंधन के क्षेत्र में मजबूती से ध्‍यान केन्द्रित किया है और जैव ईंधनों पर 2018 में घोषित नई नीति के अनुसार वर्ष 2030 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल का मिश्रण तथा डीजल में 5 प्रतिशत जैव डीजल का मिश्रण अर्जित करने का लक्ष्‍य निर्धारित कर रखा है।


प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी और ब्राजील के राष्‍ट्रपति के बीच 2016 में भारत में हुई बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने दूसरी पीढ़ी जैव ईंधनों के क्षेत्र के साथ-साथ नवीकरणीय ऊर्जा के अनुसंधान और विकास में सहयोग के लिए सहमति व्‍यक्‍त की थी। इस संबंध में यह समझौता ज्ञापन फीडस्‍टॉक, औद्योगिक रूपांतरण, वितरण और अंतिम उपयोग क्षेत्रों सहित जैव ईंधन, जैव विद्युत और बायो गैस आपूर्ति श्रृंखला में सहयोग करने तथा निवेश को बढ़ावा देने का ढांचा उपलब्‍ध कराता है।


इस समझौता ज्ञापन की कुछ अन्‍य विशेषताओं में गन्‍ना, अनाज, तिलहन, चावल और लिग्‍नाइटन फसलों सहित जैव ऊर्जा के लिए बायोमास के संबंध में कृषि पद्धतियों पर जानकारी का आदान-प्रदान, जैव ईंधनों के उपयोग पर आधारित ग्रीनहाउस गैस उत्‍सर्जनों को कम करने की नीतियां, चक्रीय विश्‍लेषण का उपयोग और संगठित बाजार में उत्‍सर्जन, न्‍यूनीकरण प्रमाण पत्रों को जारी करना और व्‍यापार पहलुओं तथा उन्‍नत जैव ईंधनों सहित जैव ईंधनों की मार्केट पहुंच और स्थिरता के समाधान के लिए संयुक्‍त स्थिति को बढ़ावा देना, जीवाश्‍म ईंधनों के साथ मिश्रित जैव ईंधनों की विभिन्‍न प्रतिशतताओं के लिए आवश्‍यक इंजन और ईंधन संशोधन और समायोजन शामिल हैं।