राज्‍यपाल भगत सिंह कोश्‍यारी ने शिवसेना को और समय देने से किया मना |

मुंबई। महाराष्ट्र में सरकार के गठन में सोमवार को पल.पल तस्वीर बदल रही है। सोमवार को राज्‍यपाल भगत सिंह कोश्‍यारी ने शिवसेना को और समय देने से मना कर दिया अब राज्यपाल ने तीसरी सबसे बड़ी पार्टी एनसीपी से पूछा है कि क्या वो सरकार बना सकते हैं राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी द्वारा शिवसेना को 48 घंटे का और वक्त देने से इनकार करने के बाद नया पेंच फंस गया है। इसी बीच राज्यपाल ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी  को मिलने का न्योता दिया है क्योंकि वह विधानसभा चुनाव में 54 सीटों के साथ तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है।राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजीत पवार ने बताया कि उन्हें राज्यपाल का न्योता मिल गया है और वे आज रात 9 बजे के बाद राजभवन जाएंगे। उनके साथ छगन भुजबल और धनंजय मुंडे समेत 5 नेता भी जाएंगे। समझा जाता है कि राज्यपाल उन्हें सरकार के गठन का पत्र देने के बाद उन्हें 24 घंटे का वक्त देंगे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस गठबंधन ने मिलकर चुनाव लड़ा था। एनसीपी ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटें जीती थी। इस तरह दोनों की कुल सीटें 98 ही है जबकि सरकार बनाने के लिए 145 विधायक चाहिए। ऐसे में गठबंधन को शिवसेना का समर्थन लेना पड़ेगा जिसने 56 सीटें जीती है।इसी बीच कांग्रेस ने कहा कि एक बार फिर एनसीपी से बात करेंगे। इस बीच कांग्रेस की ओर से कहा गया है कि एनसीपी जो भी फैसला लेगी हम उसके साथ हैं। एनसीपी को अगले 24 घंटे के अंदर समर्थन पत्र के साथ सरकार बनाने का दावा पेश करना होगा अगर एनसीपी सरकार नहीं बना सकती तो फिर महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन भी लग सकता है आखिर अब महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर क्या विकल्प बचे हैं एनसीपी को आज रात 8:30 बजे तक राज्यपाल को बताना होगा कि वो सरकार बनाने में समर्थ हैं या नहीं एनसीपी को सरकार बनाने के लिए कांग्रेस से समर्थन मिल सकता है  लेकिन बिना शिवसेना के समर्थन का सरकार बनाना संभव नहीं होगा शिवसेना चाहेगी कि उनकी पार्टी का ही कोई मुख्यमंत्री बने ऐसे में एनसीपी सरकार बनाने के प्रस्ताव को ठुकरा सकती है राज्यपाल कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए बुला सकते हैं हालांकि यहां भी मामला उलझा हुआ है कांग्रेस को एनसीपी का समर्थन मिल सकता है लेकिन उनके लिए शिवसेना से समर्थन लेना आसान नहीं होगा दोनों पार्टियों की अलग.अलग विचारधारा है इसके अलावा कांग्रेस को इस बात का भी डर है कि कहीं शिवसेना से समर्थन लेने पर उनका मुस्लिम वोट बैंक न खिसक जाए कांग्रेस और एनसीपी दोनों के सरकार बनाने से इनकार करने पर राज्यपाल राष्ट्रपति शासन लगा सकते हैं