अयोध्या पर फैसले के बाद घाटों-मंदिरों में और मथुरा के मंदिरों में श्रद्धालुओं की संख्या पर कोई असर नहीं |

 मथुरा 134 साल पुराने अयोध्या विवाद पर फैसला आने के दूसरे दिन धार्मिक नगरी  काशी,मथुरा में हालात सामान्य रहे।श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा में शनिवार और रविवार को आमतौर पर भीड़ रहती है। अयोध्या पर फैसले के बावजूद यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या पर कोई असर नहीं पड़ा। सुबह से ही श्रीकृष्ण की जन्मस्थली पर दर्शन करने वालों की भीड़ लगी रही यहां सुरक्षा के मद्देनजर बड़ी संख्या में पुलिसबल तैनात रहा लेकिन सड़कों और बाजारों में रौनक बरकरार रही। तनाव की स्थिति नहीं नजर आई। शहरों में बारा वफात का जुलूस तिरंगे के साथ निकाला गया। काशी में विश्वनाथ मंदिर और घाटों में श्रद्धालु पहुंचे। मथुरा में भी यही स्थिति रही। काल भैरव मंदिर श्रद्धालुओं की संख्या आम दिनों से ज्यादा रही। फूल माला प्रसाद साड़ियों की ज्यादातर दुकानें खुली मिलीं। काल भैरव को काशी का कोतवाल कहा जाता है।गंगा घाट रविवार को व्रत और स्नान करने वाले श्रद्धालु गंगा के विभिन्न घाटों पर पहुंचे। अन्य जिलों से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या जरूर कम थी। लोगों ने घाट पर पूजाभी की।
 बांके बिहारी वृंदावन में बांके बिहारी समेत तमाम मंदिरों में श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहा। सुबह श्रृंगार आरती के समय बांके बिहारी मंदिर परिसर में पैर रखने के लिए भी जगह नहीं थी। आरती के बाद यहां बांके बिहारी के जयकारे गूंजे। दोपहर में शयन आरती के समय भी यही स्थिति रही।