यामाहा ने अपने ईको-फ्रेंडली प्रोडक्ट और प्रोसेस के जरिये स्वस्थ पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराया

कर्मचारियों, डीलर्स और ग्राहकों को 10,000 से ज्यादा पौधे बांटे गए
पूरे भारत में 21 डीलरशिप पर मुफ्त प्रदूषण जांच कैंपों का हुआ आयोजन
चेन्नई :-(फेस वार्ता भारत भूषण )  यामाहा मोटर इंडिया ग्रुप ने बुधवार को अपने काॅरपोरेट कार्यालय,
कारखानों, क्षेत्रीय कार्यालयों और चुनिंदा डीलरशिप पर विश्व पर्यावरण दिवस मनाया। इस दौरान इस साल
संयुक्त राष्ट्र की थीम 'वायु प्रदूषण' को ध्यान में रखकर गतिविधियां आयोजित की गईं। इस मौके पर
कंपनी ने कर्मचारियों, डीलरों और ग्राहकों के बीच स्वस्थ एवं हरित वातावरण के महत्व को लेकर
जागरूकता के लिए कई कार्यक्रमों का आयोजन किया।
पर्यावरण संरक्षण और हवा की गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से कर्मचारियों, चुनिंदा डीलरों और
ग्राहकों को 10,000 से ज्यादा तुलसी के पौधे दिए गए। इसके अलावा दिल्ली, हैदराबाद, अहमदाबाद,
कोलकाता, गुवाहाटी, भुवनेश्वर आदि विभिन्न शहरों में 21 डीलरशिप पर मुफ्त प्रदूषण जांच
कैंपों का भी आयोजन किया गया। इस अवसर पर कर्मचारियों के बीच कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया,
जिनमें पर्यावरण संरक्षण वीडियो का प्रदर्शन, क्विज प्रतियोगिता का आयोजन, कैजन इनीशिएटिव (सुधार की
पहल), बैनर डिस्प्ले और पौधरोपण जैसी गतिविधियां शामिल रहीं। इनके जरिये पर्यावरण संरक्षण की दिशा
में प्रत्येक व्यक्ति की ओर से उठाए जा सकने वाले कदमों के प्रति जागरूकता का संचार किया गया।
यामाहा मोटर इंडिया ग्रुप आॅफ कंपनीज के चेयरमैन मोतोफुमी शितारा ने कहा, “बढ़ता वायु
प्रदूषण हमारे समाज के लिए बड़ा खतरा है। एक स्वस्थ पर्यावरण राष्ट्र के विकास के लिए जरूरी है। एक
विनिर्माता कंपनी होने के नाते हमारी जिम्मेदारी है कि हम ईको-फ्रेंडली प्रक्रियाओं के जरिये समाज को
ईको-फ्रेंडली प्रोडक्ट मुहैया कराएं। वैश्विक स्तर पर यामाहा रणनीतिक व लंबी अवधि की 'यामाहा मोटर
ग्रुप एनवायरमेंटी प्लान 2050' को लागू कर रही है। इसका लक्ष्य मैन्यूफैक्चरिंग के दौरान कार्बन डाई
आॅक्साइड के उत्सर्जन को कम करना और 2010 को आधार वर्ष मानते हुए 2050 तक 'संसाधनों के
प्रयोग' को आधा करना है। हम दुनियाभर में स्वस्थ वातावरण बनाने और स्थानीय कानूनों के
अनुपालन के लिए ईंधन की दृष्टि से किफायती इंजन बनाने, स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों को अपनाने और अपनी
प्रक्रियाओं में ऊर्जा की दृष्टि से किफायती तरीके अपनाने को लेकर प्रतिबद्ध हैं।“



इस मौके पर यामाहा के सभी कारखानों और कार्यालयों में कर्मचारियों ने पर्यावरण संरक्षण एवं ऊर्जा
बचत की दिशा में हरसंभव प्रयास करने की शपथ ली। उन्प्होंने अपने सहकर्मियों, परिजनों, दोस्तों और
समाज में पर्यावरण संरक्षण एवं ईंधन बचत के फायदों के प्रति जागरूकता फैलाने की शपथ भी ली।
ऊर्जा बचत एवं हरित पर्यावरण की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए यामाहा ने 2015 और 2016 में क्रमशः
अपने चेन्नई व सूरजपुर कारखानों के परिसर में सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट स्थापित किया है। इसका अहम उद्देश्य
मैन्यूफैक्चरिंग की प्रक्रियाओं में नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का प्रयोग करना है। यामाहा के सूरजपुर
(उत्तर प्रदेश) कारखाने में स्थापित सौर ऊर्जा प्लांट की वर्तमान क्षमता 6200 किलोवाट और चेन्नई
(तमिलनाडु) कारखाने की क्षमता 3500 किलोवाट है। यामाहा ने हमेशा से पर्यावरण की सुरक्षा को
प्राथमिकता दी है और 'समाज एवं प्रकृति में सामंजस्य' का हमारा मूलमंत्र पर्यावरण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता
दर्शाता है।
यामाहा मोटर इंडिया ग्रुप आॅफ कंपनीज के बारे में:
यामाहा मोटर ने भारत में सबसे पहले 1985 में एक संयुक्त उद्यम के जरिये कदम रखा था। अगस्त, 2001 को यह
जापान की यामाहा मोटर कंपनी लिमिटेड ;ल्डब्द्ध की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी वाली पूर्ण अनुषंगी कंपनी
बन गई। 2008 में मित्सुई एंड कंपनी लिमिटेड ने इंडिया यामाहा मोटर प्राइवेट लिमिटेड ;प्ल्डद्ध में
संयुक्त निवेशक बनने के लिए ल्डब् से समझौता किया। प्ल्ड के कारखानों में तीन स्टेट आॅफ द आर्ट
प्लांट फरीदाबाद (हरियाणा), सूरजपुर (उत्तर प्रदेश) और चेन्नई (तमिलनाडु) में हैं। इन
कारखानों का इन्फ्रास्ट्रक्चर इस तरह से तैयार किया गया है कि ये घरेलू बाजार के साथ-साथ वैश्विक बाजार के
अनुरूप मोटरसाइकिल और उनके पाट्र्स बनाने में सक्षम हैं। ल्डब् ने भारत में प्ल्ड के उत्पादों के
विकास, बिक्री और मार्केटिंग में सहायता के लिए और बिजनेस प्लानिंग तथा क्षेत्रीय नियंत्रण के लिए क्रमशः
अपनी अनुषंगी कंपनियों यामाहा मोटर रिसर्च एंड डेवलपमेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ;ल्डत्प्द्ध,
यामाहा मोटर इंडिया सेल्स प्राइवेट लिमिटेड  और यामाहा मोटर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड
; की स्थापना की है।