पर्ल एकेडमी प्रोजेक्ट्स का प्रदर्शन किया

नई दिल्ली( facewarta ) पर्ल एकेडमी के दिल्ली कैंपस में करीब 850 ग्रेजुएट स्टूडेंट्स ने असाधारण रचनात्मक परिपक्वता और कल्पनाशक्ति का प्रदर्शन करते हुए पोर्टफोलियो 2019 के दौरान अपने शानदार प्रोजेक्ट्स का प्रदर्शन किया। इस दो दिन के इवेंट में मेहमानों के सामने अलग.अलग तरह की नई परियोजनाओं का प्रदर्शन किया गया। इनमें इंडस्ट्री के मेहमानए मीडिया कर्मीए डिजाइनर्स और स्टूडेंट्स के माता.पिता शामिल थे। इस साल मार्च में भारत के सबसे प्रतिष्ठित प्लेटफॉर्मए इंडियन फैशन वीक में फैशन डिजाइनिंग के स्टूडेंट्स के शानदार प्रदर्शन की कड़ी में यह आयोजन किया गया था।



इस अवसर पर एलिफेंट स्ट्रैटेजी एंड डिजाइन के निदेशक और सहसंस्थापक अश्विनी देशपांडे, वास्तुकार और अर्बनिस्ट ;शहरीवादीद्ध माधव रमन, ग्लू डिजाइन के सहसंस्थापक नीलाद्रि मुखर्जी, ईडीसी स्पेस एंड डिजाइन बोर्ड की संस्थापक सदस्य और क्रिएटिव हेड हीना हांडा समेत कई अन्य दिग्गज हस्तियां उपस्थित थीं। इन गणमान्य हस्तियों ने स्टूडेंट्स के कार्य की सराहना की और उनके साथ अपने मूल्यवान विचारों को साझा किया।


पर्ल एकेडमी के स्टूडेंट्स ने समाज पर असर छोड़ने के जुनून से प्रेरित होकर कई चुनौतीपूर्ण समस्याओं का रचनात्मक समाधान पेश किया। स्टूडेंट्स ने अपने काम को संचार के विभिन्न तरीकों जैसे एनिमेशनए फिल्मए पॉडकास्टए एआरए वीआर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से पेश किया।


स्टूडेंट्स ने डिजाइनए मीडिया और बिजनेस में नए प्रयोग करने की भूमिका को पारिभाषित करते हुए अपने फाइनल प्रोजेक्ट्स पेश किए। कुष्ठ रोग से जुड़े कलंक को दूर करने के लक्ष्य से कम्युनिकेशन डिजाइन की छात्रा अलीशा प्रभाकर ने लेप्रिमेशन नामक प्रोजेक्ट पेश किया। यह उन सभी लोगों की मानसिकता को बदलने के लिए एक अभियान हैए जो अभी भी कुष्ठ रोग को कलंक मानते हैं। कम्युनिकेशन डिजाइन की एक और छात्रा वेदिका खेमका ने पैरंट्स और बच्चों के संवाद पर एक पॉडकास्ट विकसित किया। इस पॉडकास्ट के माध्यम से वेदिका ने उन सभी कठिन विषयोंए जैसे प्यार और संबंधों के बारे में बातचीत कीए जिसके बारे में पैरंट्स और बच्चे आपस में बातचीत करने में झिझकते हैं। प्रॉडक्ट डिजाइनिंग की स्टू डेंट अन्वी माथुर ने अस्पताल में मरीजों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में सहायक उपकरण स्लिफ्ट पेश किया। इससे बीमारी के कारण अस्पताल में बेड पर लेटे रहने को मजबूर मरीजों को आसानए सुरक्षित और आरामदायक ढंग से एक जगह से दूसरी जगह ट्रांसफर किया जा सकता है।


फैशन मीडिया कम्युनिकेशन के छात्र भावनूर मोनिचा ने एक न्यूजपेपर टैबलॉयड का विकास कियाए जिसे पेंटोग्राम नाम दिया गया। यह पेंटोन और कलर व्हील से प्रभावित है। इस न्यूज पेपर टैबलॉयड से पाठकों को फैशन और रंगों के ट्रेंड की जानकारी मिलेगी। क्रूज टूरिज्म के विकास को देखते हुए इंटीरियर डिजाइनिंग और स्टाइलिंग की छात्रा शिवानी अग्रवाल ने अपनी परियोजना तरंगिनी के माध्यम से भारत की प्राचीन विरासतए कला और संस्कृति को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया। इंटीरियर आर्किटेक्चर और डिजाइन के स्टूडेंट अर्जुन चंदानी के प्रोजेक्ट श्आई थिंक वी ऑल ऑर ब्लाइंडश् का लक्ष्य दृष्टिहीनों की जिंदगी को सुधारना और ऐसा माहौल बनाने में मदद करना थाए जहां दृष्टिहीनों से बिना किसी भेदभाव के समान व्यवहार किया जाए और उन्हें महसूस कराया जाए कि वह भी समाज का हिस्सा हैं।


कम्युनिकेशन डिजाइन की एक और स्टू डेंट दिव्यांशा रावतए जिन्होंने 2015 में हूज नेक्सट स्क़ॉलरशिप जीती थी और फुल मेरिट स्कॉलरशिप हासिल की थीए ने कोर्स की पूरी अवधि के दौरान पर्ल एकेडमी और अपने अध्यापकों के लगातार समर्थन और मार्गदर्शन के प्रति आभार जताया। दिव्यांशा का प्रोजेक्ट द लिटिल बिग थिंग्स 6 से 8 साल के बच्चों के लिए सचित्र कहानियों की समकालीन किताब की तरह हैए जिसमें बच्चों को सहानुभूतिए कृतज्ञता और सच्चाई जैसे मूल्यों को समझाया गया था और उन्हें यह भी बताया गया कि इन मूल्यों का किसी व्यक्ति की जिंदगी पर क्या असर पड़ता है। दिव्यांशा का प्लेसमेंट एक ग्लोबल दिग्गज कंपनी एक्सेंचर में हो गया है।


पर्ल एकेडमी की एअसोसिएट प्रोफेसर मिली सिंह ने स्टूडेंट्स के प्रयासों की सराहना करते हुए कहाए श्स्टूडेंट्स की ओर से पेश किए गए प्रोजेक्ट समाज से संबंधित अलग.अलग मुद्दों का एक शानदार मिश्रण थाए जिन्हें सामाजिक नजरिये से संवेदनशील कहा जा सकता है या जो स्टूडेंट्स के निजी अनुभव से संबंध रखते हैं। विभिन्न माध्यमों से पेश किए गए स्टूडेंट्स के प्रोजेक्ट्स में डिजाइन तैयार करने में की गई छात्रों की मेहनत और पेशेवर अंदाज साफ दिखाई दे रहा है। स्टूडेंट्स के काम में शानदार प्रयोग की भी झलक दिखाई दीए जहां उन्होंने ट्रांसमीडिया के विभिन्न माध्यमों से तकनीक का लाभ उठाया है।


पर्ल एकेडमी के नरैना स्थित कैंपस में हेट्रोनॉर्मटिविटी और मीडिया के विषय पर विचार विमर्श किया गया। इस पैनल का उद्ददेश्य मेनस्ट्रीम मीडिया में लैंगिक समग्रता पर चर्चा करना था। डिजिटल स्पेस के विभिन्न माध्यमों से एलजीबीटी समुदाय के संघर्षों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। इस चर्चा में जिन प्रमुख वक्ताओं ने अपने मूल्यवान विचारों को साझा कियाए उनमें ह्यूमन के मॉडल तक्ष शर्माए फैशन स्टाइलिस्ट और टेडएक्स स्पीकरए टेडएक्स स्पीकरए अनाम की मॉडल और कवि दिव्या दुरेजाए डेल्टा ऐप में पूर्व मार्केटिंग हेड दीपाली मेहताए अनफाउंड प्रोजेक्ट के संस्थापकए सेक्सुएलिटी और मेंट्रल हेल्थ ट्रेनर नीरज मेहराए डॉण् अंबेडकर यूनिवर्सिटी में जेंडर स्टडीज के प्रोग्राम को डिजाइन करने वाले विक्रम आदित्य सहाय और हिंदुस्तान टाइम्स के पत्रकार ध्रुबो ज्योति शामिल थे।


डिसरप्शन इन फैशन और लक्जरी रिटेल के एक अन्य मुद्दे पर भी चर्चा हुई। इस चर्चा में इस बात पर ध्यान केंद्रित किया गया कि रिटेल और लक्जरी का बिजनेस किस तरह तेजी से बदलते डिजिटल युग में अपने उपभोक्ताओं के लिए प्रासंगिक बना रहा है और नतीजे देने में सक्षम रहा है। इसके लिए ब्रैंड को लगातार नए प्रयोग करने पड़ रहे हैं। इस चर्चा में रिचिमॉन्टे लक्जरी ग्रुप के कंट्री मैनेजर दिवेश ग्रवालए डिजिटल लक्जरी ब्रैंड कंसल्टें ट साशा छेत्री और बेलेनसियागा की स्टोर मैंनेजर दीपिका चोपड़ा शामिल थी।


पर्ल एकेडमी की प्रेसिडेंट प्रोफेसर नंदिता अब्राहम ने कहाए श्पिछले 26 सालों से हमने अपने स्टू डेंट्स को इनोवेशनए डिजाइन और रचनात्मक सोच की संस्कृति प्रदान की है। इसके साथ ही स्टूरडेंट्स के चुने हुए क्षेत्रों में उन्हें सफल बनाने के लिए योग्य अध्यापक और संरक्षक भी मुहैया कराए हैं। मैं वास्तविक जिंदगी की समस्याओं के समाधान खोजने की अपने स्टू्डेंट्स की क्षमता को देखकर काफी हैरान हूं। मैं उनके उज्जवल भविष्य के लिए उन्हें शुभकामना देती हूं। इस मौके पर डीन्सस ऑफ स्कूल्स ऑफ डिजाइनए फैशन एंड मीडिया के कैंपस डायरेक्टर आलोक बराया और दिल्ली स्थित पर्ल पकेडमी के सभी फैकल्टीि सदस्योंभ को छात्रों से उनका बेहतरीन प्रदर्शन कराने के लिए धन्यवाद देना चाहती हूं।श्


पर्ल पोर्टफोलियो 26 साल से ज्यादा समय से पर्ल एकेडमी की सिग्नेचर इवेंट हैं। यह ग्रेजुएट स्टूडेंट्स के प्रोजेक्ट के प्रदर्शन के लिए सालाना लॉन्च पैड है। हाल ही में स्टूेडेंट्स ने अपने प्रोजेक्ट्स का प्रदर्शन पुणे डिजाइन फेस्टिवल के साथ अन्य ग्लोबल प्लेटफॉर्मों जैसे न्यूयॉर्क फैशन वीकए दुबई डिजाइन वीकए लंदन ग्रेजुएट फैशन वीक और मिलान फैशन वीक में भी किया है।


पर्ल एकेडमी के विषय में


डिजाइनए फैशनए बिजनेस और मीडिया में भारत की अग्रणी संस्था पर्ल एकेडमी दो दशकों से अधिक समय से लगातार रचनात्मक उद्योगों के छात्रों की सफलता के लिए उत्प्रेरक बनी हुई है। 25 साल की विरासत के साथए पर्ल एकेडमी दिल्लीए नोएडाए जयपुर और मुंबई में अपने कैंपस के माध्यम से 30 से अधिक विशिष्ट रूप से तैयार की गई स्नातकए स्नातकोत्तर और व्यावसायिक विकास की राहें उपलब्ध कराती है। श्उद्योग में तत्काल काम करने के अनुरूपश् पेशेवर तैयार करने की इसकी साख को अग्रणी फैशनए रिटेल और डिजाइन ब्रांडों ने माना है। इस पहचान और भरोसे ने पिछले तीन वर्षों से 95 प्रतिशत से भी ज्यादा का जबरदस्त प्लेसमेंट ट्रैक रिकॉर्ड स्थापित करने में मदद की है। फैशन डिजाइन काउंसिल ऑफ इंडिया ;एफडीसीआईद्धए एसोसिएशन ऑफ डिजाइनर्स ऑफ इंडिया ;एडीआइद्ध और इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन इंटीरियर डिजाइनर्स ;आईआईआईडीद्ध जैसे जाने.माने संस्थानों के साथ एकेडमी के पथप्रवर्तक जुड़ाव ने सुनिश्चित किया है कि इसके फैकल्टी और स्टूिडेंट्स को श्क्लास रूम में उद्योगश् तक विशेष पहुंच मिले।


इंडिया टुडे सर्वेए एमडीआरए और आउटलुक.दृष्टि सर्वे द्वारा लगातार पांचवे वर्ष संस्थान को भारत के सर्वश्रेष्ठ निजी फैशन कॉलेज का दर्जा दिया गया था। उद्योग निकाय एसोचैम ने 2016ए 2017 और 2018 में लगातार तीसरे साल पर्ल एकेडमी को श्भारत में सर्वश्रेष्ठ डिजाइन संस्थानश् के अवॉर्ड से नवाजा था। 2017 में बिजनेस ऑफ फैशन की शीर्ष 25 ग्लोबल फैशन स्कूल रैंकिंग ;स्नातकद्ध में शामिल किया जाने वाला यह एकमात्र भारतीय संस्थान रहा। फोर्ब्सज द्वारा ग्रेट इंडियन इंस्टीठट्यूट 2018 और ग्रेट प्ले स टु स्टॉडी के तौर पर सम्माेनित किया गया है। इंडिया टुडे ने एकेडमी के जयपुर कैंपस को भारत के सबसे खूबसूरत कॉलेज कैंपस में शामिल किया था। संस्थान को इकोनॉमिक टाइम्स द्वारा फैशन डिजाइन श्रेणी में श्बेस्ट एजुकेशन ब्रांड्स 2017 से भी सम्मानित किया गया था।