भारतीय स्कूलों में कृत्रिम बौद्धिकता प्रणालियां शुरू करने के लिए नेस्कॉम के साथ समझौता

देश के युवा प्रतिभाओं को आधुनिक प्रौद्योगिकियों के जरिये शक्ति संपन्न बनाने के लिए नीति आयोग, अटल नवाचार मिशन ने आज नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विसेज कंपनीज (नेस्कॉम) के सहयोग से भारतीय स्कूलों में छात्रों के लिए कृत्रिम बौद्धिकता आधारित प्रणालियों की शुरूआत।नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि मशीन लर्निंग और कृत्रिम बौद्धिकता के जरिये भारत वार्षिक रूप से अपने सकल घरेलू उत्पाद में 1.3 प्रतिशत का इजाफा कर सकता है। उन्होंने कहा कि कृत्रिम बौद्धिकता प्रणाली बहुत महत्वपूर्ण है और छोटी आयु से ही इसका शिक्षण दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके जरिये तपेदिक, कैंसर इत्यादि रोगों के विषय में जानकारी में सुधार होगा और हम उत्सर्जन के मामले में चुनौतियों का समाधान कर पायेंगे। उन्होंने कहा कि यदि हम भारत के 1.3 अरब लोगों की इन चुनौतियों का समाधान निकाल सके, तो विश्व के 7.5 अरब लोगों की चुनौतियों का भी समाधान हो जाएगा।अटल नवाचार मिशन, नीति आयोग के मिशन निदेशक श्री आर. रामानन ने कहा कि कृत्रिम बौद्धिकता 21वीं शताब्दी के नवाचारों का अभिन्न अंग है। पहली बार उद्योग और सरकार मिलकर यह पहल कर रहे हैं जिसके तहत स्कूली छात्रों को आधुनिक प्रौद्योगिकियों से परिचित कराया जाएगा।सहयोग के विषय में नेस्कॉम की अध्यक्ष सुश्री देवजानी घोष ने कहा कि सभी देशों की आर्थिक प्रगति के लिए कृत्रिम बौद्धिकता बहुत महत्वपूर्ण है और वह भविष्य की अत्यंत महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि इस साझेदारी से देश के नागरिक कृत्रिम बौद्धिकता के प्रति जागरूक होंगे।उल्लेखनीय है, कि नीति आयोग स्थित अटल नवाचार मिशन भारत सरकार की प्रमुख पहल है जिसके जरिये नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहन दिया जाता है। स्कूली स्तर पर अटल नवाचार मिशन देश से सभी जिलों में अटल टिंकरिंग लैब (एटीएल) की स्थापना कर रहा है। अब तक अटल नवाचार मिशन ने देश के 14,916 स्कूलों का चयन किया है, जहां एटीएल स्थापित किये जायेंगे।