पिछले महीने के अंतर्राष्ट्रीय बाजार मूल्य के आधार पर एलपीजी की कीमत निकाली जाती है। पहल (डीबीटीएल) के तहत उपभोक्ताओं को खाना पकाने के लिए एलपीजी की कीमत पर भारत सरकार द्वारा सब्सिडी दी जाती है। प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के जरिए ‘पहल’ से जुड़े उपभोक्ताओं को जो सब्सिडी दी जाती है वह बाजार निर्धारित मूल्य और सब्सिडी प्राप्त या रियायती मूल्य के अंतर के बराबर होती है। मौजूदा समय में 27.76 करोड़ से भी अधिक कनेक्शनों के साथ राष्ट्रीय एलपीजी कवरेज लगभग 97 प्रतिशत है। अत: लगभग 27.76 करोड़ उपभोक्ताओं में से तकरीबन 26.12 करोड़ उपभोक्ताओं के मामले में मूल्य वृद्धि को सरकार द्वारा सब्सिडी में बढ़ोतरी के माध्यम से वहन किया जाता है।
जनवरी 2020 के दौरान एलपीजी का अंतर्राष्ट्रीय मूल्य 448 डॉलर प्रति एमटी से काफी बढ़कर 567 डॉलर प्रति एमटी हो जाने के कारण दिल्ली में बिना सब्सिडी वाली घरेलू एलपीजी के बाजार निर्धारित मूल्य के तहत 14.2 किलोग्राम के एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 144.50 रुपये की वृद्धि की गई है। जहां एक ओर बिना सब्सिडी वाले घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत 714 रुपये से बढ़ाकर 858.50 रुपये कर दी गई है, वहीं दिल्ली में सब्सिडी पाने वाले उपभोक्ताओं के लिए सब्सिडी को 153.86 रुपये से बढ़ाकर 291.48 रुपये प्रति सिलेंडर कर दिया गया है। सरकार द्वारा निर्धारित सब्सिडी या रियायती मूल्य को ध्यान में रखते हुए सब्सिडी पाने वाले उपभोक्ताओं को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में एलपीजी के मूल्यों में होने वाले उतार-चढ़ाव से अलग रखा जाता है।14.2 किलोग्राम के सिलेंडर के मामले में घरेलू उपभोक्ताओं को सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी 153.86 रुपये से बढ़ाकर 291.48 रुपये प्रति सिलेंडर कर दी गई है। वहीं, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) से जुड़े उपभोक्ताओं के मामले में सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी 174.86 रुपये से बढ़ाकर 312.48 रुपये प्रति सिलेंडर कर दी गई है। अत: मूल्यवृद्धि का ज्यादातर भार सरकार द्वारा वहन किया जाता है, जिसके तहत सब्सिडी पाने वाले ग्राहकों एवं पीएमयूवाई से जुड़े उपभोक्ताओं के लिए सब्सिडी बढ़ा दी जाती है।