वाणिज्य और उद्योग तथा रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा है कि उद्योग की बाधाओं और चिंताओं को दूर करने के लिए नवाचारी समाधान बहुत आवश्यक है।
गोयल आज नई दिल्ली में फिक्की की 92वीं वार्षिक आम सभा की बैठक तथा वार्षिक व्यवसाय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के रोडमैप के बारे में कहा कि समय की आवश्यकता केवल व्यक्तिगत उद्योग की समस्याओं के समाधान का ही नहीं है, बल्कि समस्या के मूल से निपटने तथा स्थिर समाधान प्रदान करने की है, जिससे सभी उद्योगों के लिए व्यवसाय का बेहतर माहौल बन सके। उन्होंने कहा कि चाहे छोटी समस्या हो, यह बड़ी बाधा भारतीय उद्योग को इन्हें दूर करने में सरकार को मदद करनी चाहिए, ताकि भारत की विकास गाथा को आगे बढ़ाया जा सके।उन्होंने उद्योग जगत से न केवल समस्याओं के नवाचारी समाधान की ओर देखने, बल्कि व्यवसाय तथा उद्योग के सभी पहलुओं में नवाचार में निवेश करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इससे भारतीय उद्योग की स्पर्धा में सुधार आएगा। श्री गोयल ने बताया कि अन्य देशों की तुलना में अनुसंधान और विकास में भारत का निवेश देश के जीडीपी का मामूली है। यह निवेश भारत के जीडीपी के 0.6 प्रतिशत से लेकर 0.7 प्रतिशत के ईर्दगिर्द बना हुआ है। उन्होंने कहा कि यह अमेरिका (2.8), चीन (2.1), इजराइल (4.3) तथा कोरिया (4.2) जैसे देशों के खर्च से कम है। उन्होंने कहा कि सरकार और उद्योग दोनों को अनुसंधान और विकास में निवेश करने की जरूरत है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने कहा कि उद्योग के सभी प्रकार के व्यवसाय में सरकार समर्थन देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि मुकदमेबाजी कम करने, पेटेंट पंजीकरण को फास्ट ट्रैक करने, व्यापार उपचार उपायों में तेजी लाने तथा नियामक वातावरण में सुधार करने वाले प्रणालीबद्ध समाधान को लागू करने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं।
गोयल ने बताया कि वाणिज्य मंत्री के तौर पर उन्होंने विभिन्न देशों से हुए मुक्त व्यापार समझौतों की समीक्षा प्रारंभ कर दिए हैं और भारत से होने वाले निर्यात में बाधा डालने वाले देशों की गैर-शुल्क बाधाओं की समीक्षा की जा रही है।वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने 90 वर्षों तक भारतीय उद्योग की सेवा करने के लिए फिक्की की सराहना की। उन्होंने कहा कि फिक्की सरकार और उद्योग के बीच सेतु के रूप में काम कर रहा है और भारत की विकास गाथा को आगे बढ़ाने में मदद कर रहा है।