अगर कांग्रेस ने धर्म के आधार पर बंटवारा नहीं किया होता तो आज हमें इस बिल की आवश्यकता नहीं होती -अमित शाह

दिल्ली :  लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। अमित शाह ने कहा कि आखिर हमें इस बिल की जरूरत क्यों पड़ी अगर कांग्रेस ने धर्म के आधार पर बंटवारा नहीं किया होता तो आज हमें इस बिल की आवश्यकता नहीं होती। कांग्रेस ने धर्म के आधार पर बंटवारा किया। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने अमित शाह के इस बयान का पलटवार किया। 


मनीष तिवारी ने कहा कि आज गृहमंत्री ने कहा है कि धर्म के आधार पर बंटवारे को लेकर कांग्रेस जिम्मेदार है। मैं यह साफ कर देना चाहता हूं कि दो राष्ट्र सिद्धांत की नींव 1935 में अहमदाबाद में सावरकर ने हिंदू महासभा के सत्र में रखी थी न कि कांग्रेस ने।


सदन में बहस के दौरान अमित शाह ने कहा कि नागरिकता विधेयक में संशोधन करना भाजपा के घोषणापत्र का हिस्सा रहा है और इसे 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में लोगों की मंजूरी मिली है। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि हम पूर्वोत्तर की स्थानीय संस्कृति एवं रीति रिवाज का संरक्षण करने के लिये प्रतिबद्ध हैं।अमित शाह यह विधेयक किसी के अधिकारों को छीनने के लिए नहीं बल्कि अधिकार देने के लिए है। इससे पहले शाह ने लोकसभा में विधेयक को चर्चा एवं पारित करने के लिए रखते हुए कहा कि हम पूर्वोत्तर की स्थानीय संस्कृति एवं रीति रिवाज का संरक्षण करने के लिये प्रतिबद्ध हैं।गृह मंत्री ने कहा कि हम पूर्वेात्तर के लोगों का आह्वान करते हैं कि वे किसी उकसावे में नहीं आएं। उन्होंने कहा कि यह विषय हमारे घोषणापत्र में शामिल रहा है जो जनभावनाओं का प्रतिनिधित्व करता है। 
किया एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने बिल का विरोध करते हुए कहा है इस बिल को लेकर फिर से विचार किया जाना चाहिए मेरा कहना है कि अपने देश से किसी को बेघर न करेंण् यह हमारा मौलिक कर्तव्य है कि हमें हर धर्म के लोगों के साथ खड़ा होना चाहिए मुझे लगता है कि यह बिल काम नहीं करेगा और सुप्रीम कोर्ट में जरूर अटकेगा आप इस बिल को कितनी भी अच्छी नीयत से लाए हों लेकिन आपको इस बिल को लेकर दोबारा विचार करना चाहिए और इस बिल को वापस लेना चाहिए
सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन बिल संसद में पेश कर दिया बिल को लेकर उत्तर प्रदेश के सियासी दल में विरोध की तस्वीर सामने आईं अखिलेश यादव ने ट्वीट किया है कि न किसान की आय दुगनी हुई न गंगा साफ़ हुई न अर्थव्यवस्था में सुधार लाए न काला धन वापस लाए न नौकरियां लाए न बेटियों को बचा पाए न विकास कर पाए मैंने पहले कहा था इनकी राजनीति ध्यान हटाने और समाज बांटने की है भारत का और संविधान का अपमान है