ग्रेटर नोएड़ा रेरा रियल स्टेट के पहले राष्ट्रीय कॉन्क्लेव इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान लखनऊ में फ़्लेट बायर्स एसोसिएशन नेफोमा के अध्यक्ष अन्नू खान ने रेरा पेनलिस्ट के तौर पर रेरा के मंच पर फ़्लेट बायर्स की समस्याओं को रखा, अन्नू खान ने बताया दिल्ली एनसीआर में मुख्यतः नोएडा, ग्रेटर नोएडा, ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लाखों फ्लैट बायर्स उन पुरानी सरकारों के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़े परेशान हुए जिन्होंने बिल्डरों के साथ मिलकर ग्रेटर नोएडा वेस्ट (नोएडा एक्सटेंशन) को बसाया जिनका मकसद सिर्फ और सिर्फ पैसे कमाना था किसी ने उन लाखों फ़्लेट बायर्स की कभी सुध नहीं ली जिन्होंने अपनी जिंदगी भर की कमाई देकर घर का सपना देखा था कि जीवन में एक दिल्ली-एनसीआर में मेरा घर होगा घर लेने के बाद बैंक की किश्त घर का किराया बायर्स देता रहा लेकिन उसको साल दर साल बीतने के बाद उसको घर नहीं मिला
योगी जी की सरकार बनी सभी फ़्लेट ख़रीददरो को बहुत खुशी हुई क्योंकि उससे पहले सरकारे आई गई फ़्लेट बायर्स पर किसी ने ध्यान नही दिया, माननीय योगी जी से स्थानीय विधायक द्वारा अपनी बात पहुंचाई गई माननीय योगी जी ने तुरंत त्वरित कार्रवाई करते हुए मीटिंग लखनऊ बुलाई, मंत्री समिति का गठन किया, फ़्लेट बायर्स की समस्याओं को समझते हुए रेरा का लखनऊ ऑफिस उसके बाद नेफोमा की मांग पर ग्रेटर नोएडा ऑफिस बनाया गया, जिसके लिए हम मुख्यमंत्री योगी जी और उत्तर प्रदेश रेरा अध्यक्ष राजीव कुमार को धन्यवाद देते हुए प्रमुख मद्दे सभी अधिकारियों के समक्ष उठाए
1. आज रेरा के लिए बहुत बड़ी चुनौती है कि जो भ्रष्टाचार प्राधिकरण और बिल्डरों की मिलीभगत से चल रहा था उससे लाखों फ़्लेट बायर्स को न्याय मिल सके क्योंकि प्राधिकरण ने जो जमीन 10 वर्षों की किश्तों में बिल्डरों को दी थी बिल्डर सोसायटी हैंडओवर करने के बाद अगर प्राधिकरण की किश्ते नही देता तो उस स्थिति में किसकी जम्मेवारी होगी, नोएड़ा, ग्रेटर नोएड़ा में ज़मीन लीज पर है असली मालिक आज भी प्राधिकरण ही है फिर भी वह अपने अपने दायित्वों से बचता है जब शिकायत करने निवासी जाता है तो उसकी शिकायत को नहीं सुना जाता अधिकारी कहते है कि आपके लिए तो सरकार ने रेरा कानून बनाया है तो आप रेरा में ही जाएं महोदय सैकड़ों समस्याएं हैं जो प्राधिकरण द्वारा उत्पन्न हुई हैं बिल्डरों को ओसी/सीसी बिना फायर एनओसी बिना एसटीपी प्लांट बिना कोई भी नॉर्म चेक किए हुए दी गई हैं जबकि मौके पर जब निवासी शिकायत करते हैं तो सिस्टम काम नहीं करता है सिर्फ कागजों में एनओसी बिल्डर को प्राप्त की गई हैं जमीनी स्तर पर कोई कार्य नहीं होता है,
2. प्रमुख समस्या नोएडा, ग्रेटर नोएडा, ग्रेटर नोएडा वेस्ट में आगे आने वाली है जिसमें हम आपको बताना चाहते हैं कि बिल्डरों को फायदा पहुंचाने के लिए पप्राधिकरण ने मन मुताबिक FAR. का फायदा बिल्डरों को दिया यह देखा नहीं गया कि उस सोसाइटी, सेक्टर, शहर की छमता उतना भार सहने की है या नहीं FAR बढ़ने से हरियाली, ग्रीन एरिया खत्म हो जाती है जब फ़्लेट की संख्या बढ़ जाएगी साथ में सोसायटी में रहने वालों की जनसंख्या भी बढ़ जाएगी, रोडो पर यातायात की व्यवस्था चरमरा जाएगी, जिससे लोगों का सड़को पर, पार्को में चलना दूभर हो जाएगा, मास्टर प्लान 2031 के अनुसार एनसीआर प्लानिंग बोर्ड से प्राधिकरण ने FAR बढ़ाने की क्या अनुमति ली थी या बार-बार FAR बढ़ाकर सिर्फ बिल्डरों को फायदा पहुंचा कर प्रकर्ति से खिलवाड़ क्यों किया गया महोदय यह एक गंभीर व जांच का विषय है जिस तरह दिल्ली में कार से जाना एक बड़ी समस्या है फिर मास्टर प्लान 2031 से शहर बसाने का क्या फायदा होगा आज भी नोएडा ग्रेटर नोएडा में सड़कों पर जाम की स्थिति रहती है
3. रेरा रियल एस्टेट बिल का असली फायदा तभी लाखों फ्लैट बायर्स और सैकड़ो सोसाइटी में निवास करने वाले निवासियों को मिलेगा जब रेरा के आदेशों का बिल्डर सख्ती से पालन करें देखा यह गया है कि रेरा के अधिकारी अच्छा कार्य कर रहे हैं वह आदेश अच्छा देते हैं बायर्स के फेवर में आदेश आता है लेकिन ज्यादातर बिल्डर उसका पालन नहीं करते जिन फ्लैट्स के पैसों रिकवरी के लिए रेरा का आदेश होता है उनके पैसे बिल्डर वापस नहीं करता
महोदय इस पर विचार करना होगा यदि सरकार ने अलग से कानून बनाया है तो रेरा के आदेशों का पालन कराना रेरा की बहुत बड़ी जिम्मेदारी होगी तभी लाखों फ़्लेट बायर्स का विश्वास रेरा पर बढ़ेगा, इसी के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देता हूं और आज सभी अधिकारियों से यह उम्मीद करता हूं कि रेरा नेफोमा द्वारा उठाई गई समस्याओं को अपने ध्यान में रखते हुए कार्रवाई करेगी जिससे उन लाखो फ़्लेट बायर्स फायदा मिल सके ।