केंद्र सरकार राममंदिर निर्माण के लिए नए ट्रस्ट का स्वरूप तय करने में जुटी है। इस बीच शीर्ष संत-धर्माचार्यों में ट्रस्ट का मुखिया बनने और शामिल होने की लड़ाई सतह पर आ गई है। श्रीरामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास के बाद निर्मोही अखाड़ा ने भी ट्रस्ट में न सिर्फ शामिल होने बल्कि अध्यक्ष या सचिव पद की मांग करके हलचल मचा दी है।
रामनगरी के संत-महंत दुविधा में हैं कि दोनों प्रमुख आश्रमों में किसका पक्ष लें और किसका नहीं। हालांकि ट्रस्ट का स्वरूप क्या होगा इसे लेकर न पक्षकारों के पास कोई जानकारी है न जिला प्रशासन के पास। सूत्र सिर्फ इतना बताते हैं कि मामला गृहमंत्रालय के बजाय अब पीएमओ देख रहा है। फिर भी यहां राममंदिर निर्माण के लिए तीन ट्रस्ट श्रीरामजन्मभूमि न्यास श्रीरामजन्मभूमि रामालय न्यास और श्रीरामजन्मभूमि मंदिर निर्माण न्यास में दावेदारी गरमाई हुई है।निर्मोही अखाड़े ने रविवार को राममंदिर निर्माण के नए ट्रस्ट में सरकार से अध्यक्ष या सचिव बनने की मांग करके हलचल बढ़ा दी है।
निर्मोही अखाड़े के दावे से संतों में बढ़ी हलचल