शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन से घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने मुंबई में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर कांग्रेस और शिवसेना के साथ हमारी बातचीत जारी है।उद्धव ठाकरे ने कहा काफी सालों से भाजपा-शिवसेना साथ थे लेकिन अब शिवसेना को एनसीपी और कांग्रेस के साथ जाना है। दोनों पार्टियों से हमारी बातचीत होगी। मैं अरविंद सावंत का धन्यवाद देता हूं| काफी लोग मंत्री पद के भूखे होते हैं लेकिन वो उनकी तरह नहीं हैं। उनके ऊपर गर्व है।उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस-राकांपा के साथ संभावित गठबंधन पर कहा मैं यह पता लगा रहा हूं कि विभिन्न विचाराधाराओं वाले दलों ने भाजपा के साथ कैसे गठबंधन किया। मुख्यमंत्री पद के बंटवारे पर चुनावों से पहले ही फैसला हो गया था लेकिन भाजपा ने झूठ बोला और मुझे एक झूठा व्यक्ति बना दिया उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाये जाने पर कहा हमने 48 घंटे का समय मांगा था लेकिन राज्यपाल ने हमें छह महीने का समय दिया।कांग्रेस और राकांपा की तरह शिवसेना को भी न्यूनतम साझा कार्यक्रम सीएमपी पर स्पष्टता की जरूरत है। शिवसेना ने पहली बार राकांपा से सोमवार को संपर्क किया था जिससे भाजपा का यह आरोप खारिज हो जाता है कि शिवसेना चुनाव परिणाम आने के बाद से ही इन दो दलों के संपर्क में थी। यह भाजपा थी जिसने शिवसेना के साथ गठबंधन तोड़ा।इससे पहले शिवसेना ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिये जरूरी समर्थन पत्र सौंपने के वास्ते तीन दिन का वक्त नहीं देने के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के फैसले के खिलाफ मंगलवार12 नवंबर उच्चतम न्यायालय का रुख किया। शिवसेना की ओर से पेश हो रहे वकीलों ने पीटीआईभाषा को बताया कि उन्होंने इस मामले पर मंगलवार को ही अविलंब सुनवाई किए जाने के संबंध में रजिस्ट्रार से अनुरोध किया है। साथ ही उन्होंने बताया कि उन्हें फिलहाल इस पर कोई जवाब नहीं मिला है।महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू प्रेसिडेंट रामनाथ कोविंद ने दी मंजूरी शिवसेना ने शीर्ष अदालत से सदन में बहुमत साबित करने का मौका नहीं देने के राज्यपाल के सोमवार 11 नवंबर के फैसले को रद्द करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है। शिवसेना ने इस निर्णय को असंवैधानिक अनुचित और दुर्भावनापूर्ण करार दिया।
मैं यह पता लगा रहा हूं कि विभिन्न विचारा धाराओं वाले दलों ने भाजपा के साथ कैसे गठबंधन किया -उद्धव ठाकरे।