- क्या गऊशाला इतनी घाटे में हैं कि भोग के दूध का भी भुगतान करना पड़ रहा है?

 


दनकौर दनकौर के द्रोणाचार्य मंदिर में प्रसाद के रूप में भोग लगाने के लिए गौशाला से आने वाले दूध का जब बिल मंदिर के मठाधीश  महिपाल  को दिया गयाा  तो उन्होंने बताया कि यह पहली बार दिया गया है महा कालीन द्रोण नगरी दनकौर की एकमात्र पहचान श्री द्रोणाचार्य मंदिर में श्री कृष्ण और बाबा श्री द्रोणाचार्य के भोग के लिए श्री द्रोण गऊशाला से मात्र एक किलों दूध सुबह शाम भगवान के लिए काफी सालों से निःशुल्क आता था।



लेकिन श्री गऊशाला समिति के कोषाध्यक्ष मनीष मांगलिक ने श्री द्रोणाचार्य मंदिर से 1/10/2018 से 30/09/2019 तक जो दूध भोग के लिए आया था उसकी बाबत 25956 रू भी ले लिए हैं।
 :-क्या गऊशाला समिति ने मंदिर को गऊशाला से अलग कर दिया है?
:- क्या गऊशाला इतनी घाटे में हैं कि भोग के दूध का भी भुगतान करना पड़ रहा है?