यूनिसेफ और माई गॉव की सहायता से नीति आयोग के अटल नवाचार मिशन (एआईएम) ने गांधियन चैलेंज के शीर्ष 30 विजेताओं की घोषणा की जिसे महात्मा गांधी की 150वीं जयंती की स्मृति में आयोजित किया गया था।गांधियन चैलेंज में वैश्विक तपन बढ़ती हिंसा एवं असहिष्णुता आदि जैसी विश्व की नई चुनौतियों के संदर्भ में गांधीवादी सिद्धांतों पर आधारित समाधानों पर प्रश्न पूछे गए थे। छठी से 12वीं कक्षा के छात्रों से दो श्रेणियों कला एवं नवाचार और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा नवाचार के तहत प्रविष्टियां मांगी गई थीं। विजेताओं की सूची देखने के लिए ी
इसमें 300 से अधिक बच्चों तथा लगभग 3,000 अटल टिंकरिंग लैब स्कूलों के साथ-साथ सामुदायिक स्कूलों ने हिस्सा लिया।महात्मा गांधी के सिद्धांतों को पढ़ने और समझने तथा विश्व की नई चुनौतियों के समाधान में उन्हें लागू करने के लिए प्रोत्साहित करना इस चैलेंज का लक्ष्य था। छात्रों के कुछ नवाचारों में एक ऐसा कम लागत वाला उपकरण का डिजाइन शामिल था| जो बंद सीवेज पाइपों को साफ करने में मददगार है और इससे सीवेज कामगारों के काम में आसानी होगी। अन्य प्रविष्टियों में बुजुर्ग माता.पिता के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए सूचना प्रौद्योगिकी आधारित समाधान का इस्तेमाल करना शामिल है। एक मोबाइल एप्प के माध्यम से दूरस्थ स्थान से यह जानकारी प्राप्त की जा सकती है।नीति आयोग के अटल नवाचार मिशन के मिशन निदेशक आर रामानन ने कहा कि कला विज्ञान अथवा प्रौद्योगिकी के प्रत्येक छात्र के लिए सृजनशीलता एवं नवीन सोच उत्पन्न करने के लिए गांधियन चैलेंज आयोजित किया गया था। इस चैजेंज ने यह साबित किया कि बच्चे अपने आस.पास की पीड़ा एवं समस्याओं के प्रति अत्यंत संवेदनशील हैं और वे इन समस्याओं का नवीन समाधान निकालने के बारे में चिंतन करते हैं। इस चैलेंज को बाल अधिकार सम्मेलन (सीआरसी) की 30वीं वर्षगांठ के वैश्विक आयोजन के साथ जोड़कर देखा जा रहा है। 20 नवम्बरए 1989 को विश्व भर के नेता एकत्रित हुए थे और बचपन पर आधारित एक अंतर्राष्ट्रीय समझौते सीआरसी को लागू किया था। इससे बच्चों के जीवन में सुधार लाने में मदद मिली है|